बिहार विश्वविद्यालय अपने कार्य प्रणाली के वजह से लगातार चर्चा में बना हुआ है. लगातार सत्र पीछे और कई विवादों में रहने वाले बाबा साहब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्विद्यालय के लिए बुरे दिन आ गए है. वर्ष 2016-17 में स्नातक पार्ट 2 में फेल छात्र छात्राओं को पास किया जाने के मामले में विश्विद्यालय की अंतरिम जांच कमिटी की रिपोर्ट आने के बाद मामला उज्जागर हुआ है. बता दें कि विश्वविद्यालय के 24 कॉलेजों में बड़ी संख्या में फेल को पास करने का खेल हुआ था. जिसके बाद रिजल्ट में फर्जीवाड़ा के बाद विश्विद्यालय की अंतरिम जांच टीम ने साक्ष्य के आधार पर सही पाते हुए विश्विद्यालय के रजिस्ट्रार कर्नल अजय कुमार ने विश्विद्यालय थाना में बीते 16 दिसंबर 2018 को इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया था.

दरअसल 2016 की स्नातक पार्ट 2 की परीक्षा के बाद रिजल्ट में टैबुलेटिंग रजिस्टर में टेम्परिंग कर नंबर को बदला गया था. जिसमें जो छात्र परीक्षा में अनुपस्थित थे, उनको भी बेहतर अंक देकर पास किया गया था. वही टैबुलेटर के हस्ताक्षर के बगैर रिजल्ट प्रकाशित किया गया. जिसके बाद मामले में करवाई का आदेश दिया गया.वही मामले में विश्विद्यालय के अवैध क्लर्क अमित पांडेय को लेकर कई प्रोफेसर कहते हैं कि जिस जिस छात्रों छात्राओ का रोल नंबर लाकर दिया गया सकी ही चढ़ाया गया है.

पूरे मामले पर सिटी एसपी नीरज कुमार सिंह ने बताया कि उनके द्वारा मामले की समीक्षा की गई है. जिसमे कुछ लोगो की संलिप्तता उजागर हुई है.सभी आरोपियों को अविलंब गिरफ्तार करने का आदेश दिया गया है.

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