बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में पीजी सत्र कई सालों से एक वर्ष की देरी पर चल रहा हैं। जिसे सुचारू रूप से व्यवस्थित करने के लिए अगले वर्ष 2023 में दो सत्रों में दाखिला लिया जाएगा। विश्वविद्यालय प्रशासन के तरफ से इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है।
विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू प्रो. अभय कुमार सिंह ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि पीजी के सत्र को सही करने के लिए एक वर्ष में दो सत्रों का दाखिला लिया जाएगा। विवि में पिछले पांच वर्षों से पीजी का सत्र लगातार एक वर्ष देरी से चल रहा है। नामांकन की वजह से सत्र में विलंब हो रहा है। इस वर्ष सत्र 2022-24 का दाखिला होना चाहिए जबकि दाखिला सत्र 2021-23 के लिए लिया जा रहा है। डीएसडब्ल्यू ने बताया कि जब तक एक वर्ष में दो सत्र का दाखिला नहीं होगा यह नियमित नहीं हो पाएगा।इस मामले में कुलपति से भी अनुमति ली जाएगी।
बिहार विवि में पार्ट-3 के रिजल्ट देर से आया जिस वजह से पीजी का सत्र देर चल रहा है।पांच वर्षों से पार्ट-3 का रिजल्ट एकेडमिक कैलेंडर के हिसाब से नहीं आया। इस कारण पीजी में दाखिला में भी एक वर्ष की देर हो गई। पिछले पांच वर्षों से विवि प्रशासन की ओर से पीजी के सत्र को सुधारने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए। इन पांच वर्षों पांच कुलपति विवि में आए लेकिन किसी ने यह ध्यान देने की कोशिश नहीं की कि सत्र समय पर हो।
वहीं अगले वर्ष जुलाई और सितंबर में विवि में एडमिशन लिए जाएंगे। जुलाई में सत्र 2022-24 का और सितंबर में सत्र 2023-25 का दाखिला लिया जाएगा। डीएसडब्ल्यू ने बताया कि विवि की तरफ से मार्च में एडमिशन कैलेंडर जारी होने वाला है। इसमें नामांकन प्रक्रिया की डेट होगी। जिससे छात्रों को विवि में कब-कब एडमिशन लिया जाएगा। उसका पता चल जायेगा।