वर्षों से शहर के बंद व खराब हो चुके 11 जलमीनारों को दोबारा चालू करने के लिए नगर निगम की ओर से कोई खास पहल नहीं हुई। जबकि इस मद में पांच करोड़ रुपये भी नगर विकास एवं आवास विभाग दे चुका है। राशि बुडको के पास पड़ी है। जानकारों का कहना है कि अगर इन जलमीनारों को दुरुस्त कर दिया जाए तो पाइपलाइन से जलापूर्ति की जो व्यवस्था है, उसे भी ठीक किया जा सकता है। पाइपलाइन से पानी घरों तक तेज धार के साथ जाएगा। इसके साथ नगर निगम नया कनेक्शन देकर भी जल संकट से निबट सकता था।
शहर में कंपनीबाग, भगवानपुर पशुपालन विभाग परिसर, जिला स्कूल के नजदीक, मिस्कॉट लेन, खबड़ा रोड, सर्किट हाउस, ब्रह्मपुरा थाना परिसर, सिकंदरपुर, माड़ीपुर पीडब्ल्यूडी विभाग परिसर, जेल रोड व सर्किट हाउस परिसर में जलमीनार बनाये गये थे। इन मीनारों को बनाने का उद्देश्य यह था कि मुजफ्फरपुर शहर की जमीन लो लैंड है। इन मीनारों में पानी की धार बढ़ाने के लिए व्यवस्था की गयी थी। नगर आयुक्त संजय दूबे ने बताया कि पूर्व में प्रक्रियाओं का दोष है। बुडको को मरम्मत की राशि दे दी गई। बुडकों ने काम ही नही किया। अभी वार्डों में चापाकल लगाने के लिए नगर निगम को जवाबदेही सौंपी गयी है।
Input : Hindustan