मुजफ्फरपुर की दो जुड़वां बहन इशिका व इशिता ने 67वीं बीपीएससी की परीक्षा के लिए आवेदन फॉर्म भरा था लेकिन स्थाई पता से लेकर माता-पिता का नाम, जन्म तिथि समान होने पर आयोग ने एक मानकर रोका एडमिट कार्ड नहीं जारी किया हैं।
आधार कार्ड व शैक्षणिक प्रमाण पत्र की जाँच किए बगैर ही रिजेक्ट लिस्ट में डाला
जुड़वा बहनों के भाई सुधांशु कुमार का कहना हैं की, इशिता और इशिका ने 67वीं बीपीएससी की परीक्षा के लिए आवेदन फॉर्म भरी थी। लेकिन आयोग ने स्थाई पता से लेकर माता-पिता का नाम, जन्म तिथि समान देख बिना आधार कार्ड या शैक्षणिक प्रमाण पत्र की जांच किए बगैर ही आवेदन को रिजेक्ट लिस्ट में डाला दिया हैं कि एक ही अभ्यर्थी ने एक से ज्यादा आवेदन किया हैं। दोनों ने अलग-अलग मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी से परीक्षा फॉर्म भरा हैं। दोनों का आधार नंबर भी अलग-अलग हैं।
शिकायत करने पर भी नहीं मिला जवाब
जुड़वां बहने इशिता-इशिका के भाई सुधांशु कुमार ने बताया कि इस मामले की शिकायत उन्होंने सबसे पहले ईमेल से की। लेकिन इस पर उन्हे कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद पूछताछ के लिए दिए नंबर पर कॉल किया गया तो फोन हीं रिसीव नहीं हुआ। और जब वे कार्यालय पहुंचे तो पता चला कि फोन एक महीने से खराब हैं।
जुड़वां मामले में स्पेशल केस के तहत सुधार होगा एडमिट कार्ड
बीपीएससी परीक्षा नियंत्रक ने जुड़वां बहने इशिता-इशिका के मामले पर संज्ञान लेते हुये कहा हैं की, स्थाई पता , माता-पिता व जन्मतिथि समान होने पर सिस्टम रिजेक्ट कर रहा हैं। गड़बड़ी रोकने के लिए यह व्यवस्था की गई थी ताकि कोई गलत कैंडिडेट दो नाम से फॉर्म को न भर सके। जुड़वां मामले में स्पेशल केस के तहत सुधार कर एडमिट कार्ड जारी कर दिया जाएगा। बीपीएससी के चेयरमैन ने सुधार की अनुमति दे दी हैं। यह दो दिन में सुधार हो जाएगा।
काजल कुमारी व काजल कुमार को भी एक मानकर रोका एडमिट कार्ड
आयोग की तरफ से एक से अधिक आवेदन देने के मामले में कुल 132 अभ्यर्थियों के आवेदन को रिजेक्ट लिस्ट मे रखा गया हैं। इसी लिस्ट मे दो आवेदक काजल कुमार और काजल कुमारी हैं। जिनको आयोग ने एक मानते हुए एडमिट कार्ड रोक दिया हैं। जबकि एक लड़का हैं और एक लड़की। दोनों अभ्यर्थि ने पटना पहुंचकर इसकी शिकायत की हैं। और दोनों का कहाँ हैं किया कि, आधार कार्ड या शैक्षणिक प्रमाण पत्र की जांच किए बगैर केवल नाम देखकर छंटनी कर दी हैं । रिजेक्शन लिस्ट को वेबसाइट पर भी नहीं डाला गया हैं। केवल आयोग के नोटिस बोर्ड पर हीं चिपकाया गया हैं। इसकी जानकारी लेने अभ्यर्थीयो को कार्यालय तक पहुंचना होगा।