नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) के विरोध में हो रही हिंसा और विरोध ने रविवार की देर शाम बिहार की राजधानी पटना (Patna) को भी अपनी चपेट में ले लिया. पटना के कारगिल चौक पर कई घंटों तक प्रदर्शनकारियों ने बवाल काटा. प्र’दर्शन कर रही भीड़ ने इस दौरान पु’लिस और पत्रकारों को नि’शाना बनाया. भीड़ ने दो पुलिस पोस्ट फूं’क दीं. साथ ही कई वाहनों में तो’ड़फो’ड़ कर आ’ग के हवाले कर दिए. इस दौरान भीड़ ने पुलिस पर पथराव भी किया.
पथराव में पटना के टाउन डीएसपी सुरेश कुमार समेत कई पुलिकर्मी घायल हो गए. हालात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उपद्रवियों ने आम लोगों को भी निशाना बनाने से गुरेज नहीं किया. रविवार होने के कारण कारगिल चौक के बगल में स्थित सरस मेला घूमने आया एक परिवार भी हंगामे की चपेट में आ गया. बच्चे के साथ आये परिवार ने किसी तरह बाइक पुलिस पोस्ट के पास खड़ी करने के बाद भागकर अपनी जान बचाई. बाद में जब परिवार मोटरसाइकिल लेने के लिए वापस लौटा तो उसे जला दिया गया था.
उपद्रवियों के इरादे नहीं भांप सकी पुलिस
ये उपद्रवी कहां से आए इसका पता नहीं चल पाया है. हैरानी की बात तो यह है कि चंद कदम की दूरी पर गांधी मैदान थाना है, पटना पुलिस मुख्यालय है जहां डीएसपी से लेकर आईजी तक का कार्यालय है लेकिन इसके बावजूद बवाल होता रहा. दरअसल शुरुआती दौर में पुलिस की उपद्रवकारियों से निबटने की रणनीति में चूक हो गई. पुलिसवाले उनके इरादे को भांप नहीं सके थे.
एसएसपी ने संभाली कमान
जब पटना की एसएसपी गरिमा मलिक बाद में कई थानों की पुलिस के साथ मौके पर पहुंची. इसके बाद पुलिस ने 8 से 10 राउंड फायर किए. इसके बाद ही उपद्रवी मौके से भागे और स्थिति नियंत्रण में आई.
सीसीटीवी खंगालने में लगी पुलिस
बहरहाल पटना पुलिस इस घटना और हिंसा के बाद कारगिल चौक के पास लगे सीसीटीवी कैमरे की तस्वीरों को खंगालने में जुट गई है ताकि उपद्रवी पकड़े जा सकें. कैब को लेकर असम, मिजोरम, अरूणाचल प्रदेश, पश्चिचम बंगाल और दिल्ली समेत कई राज्यों में विरोध प्रदेर्शन हो रहा है.
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