लंदन: ब्रिटेन के एक रोजगार न्यायाधिकरण ने कहा है कि कार्यस्थल पर किसी व्यक्ति को गंजा कहना यौन उत्पीड़न के दायरे में आता है. न्यायाधीश जोनाथन ब्रेन नीत तीन सदस्यीय न्यायाधिकरण को यह फैसला करना था कि किसी व्यक्ति के कम बाल होने का जिक्र करना अपमान है या यह उत्पीड़न के समान है.

टोनी फिन नामक एक व्यक्ति ने वेस्ट यॉर्कशायर स्थित ब्रिटिश बंग कंपनी के खिलाफ अनुचित बर्खास्तगी और यौन भेदभाव का आरोप लगाया था. फिन को पिछले साल मई में कंपनी से निकाल दिया गया था. फिन ने कंपनी में 24 साल तक इलेक्ट्रीशियन के रूप में काम किया था.

न्यायाधिकरण ने अपने फैसले में कहा, ‘हमारे फैसले में एक ओर ‘गंजा’ शब्द और दूसरी ओर सेक्स की संरक्षित विशेषता के बीच संबंध है.’ न्यायाधिकरण ने स्वीकार किया कि ब्रिटिश बंग कंपनी लिमिटेड की ओर से पेश वकील की यह दलील उचित है कि महिलाओं के साथ पुरुष भी गंजे हो सकते हैं. फैसले में कहा गया है कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों में गंजापन अधिक देखा जाता है और हम इसे स्वाभाविक रूप से सेक्स से संबंधित पाते हैं.

इस मामले की सुनवाई फरवरी और अप्रैल में उत्तरी इंग्लैंड के शेफील्ड में हुई थी. इस सप्ताह की शुरुआत में यौन उत्पीड़न, अनुचित और गलत तरीके से बर्खास्तगी के फिन के दावों को बरकरार रखा गया. फिन को मिलने वाले मुआवजे के संबंध में फैसला करने के लिए भविष्य में कोई तारीख निर्धारित की जाएगी.

बता दें कि, गंजापन भी दुनिया के कई देशों में पुरुषों में तेजी से बढ़ती एक समस्या है. यह अब सामाजिक समस्या और भेदभाव के तौर पर भी देखी जाने लगी है. गंजेपन के शिकार लोगों को अक्सर निराश करने वाली टिप्पणियों का सामना करना पड़ता है.

Source : News18

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