बिहार में डेंगू के लगातार सामने आ रहे नये मामलों को नियंत्रित करने व डेंगू बीमारी से बचाव को लेकर लार्वा नष्ट करने का अभियान चलेगा। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि जिस मच्छर से डेंगू होता है, उसके लार्वा को नष्ट के लिए नगर विकास विभाग के साथ समन्वय कर अभियान चलाने का निर्देश दिया है। इसके तहत विभिन्न जिलों के नगर निगमों के सहयोग से डेंगूरोधी अभियान का संचालन किया जाएगा।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने अभियान के संचालन को लेकर नगर विकास विभाग से आवश्यक कार्रवाई किए जाने का अनुरोध भी किया है। गौरतलब है कि पूर्व में मुख्य सचिव, बिहार आमिर सुबहानी की अध्यक्षता में हुई विभिन्न विभागों की बैठक में भी समन्वय बनाकर डेंगू नियंत्रण को लेकर कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए गए थे। इनमें स्वास्थ्य विभाग, नगर विकास विभाग, कृषि विभाग एवं वन एवं पर्यावरण विभाग को समन्वय बनाने के निर्देश दिए गए थे।
नगर निगम क्षेत्रों में छिड़काव राज्य के विभिन्न नगर निगम क्षेत्रों में डेंगूरोधी दवा टेमीफॉश का छिड़काव किया जाएगा। एडिस प्रजाति के मच्छर डेंगू वायरस से संक्रमण फैलाते हैं। संक्रमित ‘एडिस इजिप्टी’ मच्छर के अण्डे भी संक्रमित होते हैं, जो कि विकसित होकर संक्रमित मच्छर बनते हैं। एडिस इजिप्टी मच्छर प्राय घरों में तथा घरों के आसपास ठहरे हुए स्वच्छ पानी में पनपता है। यह मच्छर प्राय दिन के समय काटता है। इन मच्छरों में डेंगू का संक्रमण 3 सप्ताह तक रहता है। डेंगू दो रूप में परिलक्षित होता है-डेंगू फीवर व डेंगू हेमरेजीक फीवर/डेंगू शॉक सिन्ड्रोम। डेंगू का इनक्युबेशन पीरियड साधारणतया 5 से 7 दिन का होता है। डेंगूरोधी दवा के छिड़काव से मच्छर के अंडों व लार्वा को पनपने के पहले ही नष्ट किया जाएगा।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्य में फॉगिंग के नतीजे प्रभावकारी नहीं होने पर डेंगूरोधी दवा के छिड़काव एवं डेंगू मच्छर के लार्वा को नष्ट करने का निर्णय लिया गया है। फॉगिंग के माध्यम से मलेरिया को फैलाने में सहायक मच्छरों को मारने के लिए उपाय किए गए थे। इन मच्छरों के माध्यम से डेंगू फैलने के खतरे को भी कम किया गया है, जो कि अपेक्षाकृत कम प्रभावी रहा है।
दूसरी ओर, विभिन्न जिलों के नगर निगम क्षेत्रों में घरों के आसपास, गड्ढ़ों में जमे साफ पानी में लार्वा को नष्ट करने के लिए दवा का छिड़काव नहीं हो पा रहा है। डेंगू पीड़ितों के घरों व आसपास के इलाकों में दवा का छिड़काव नहीं हो रहा है। इससे डेंगू मामलों में निरंतरता बनी हुई है। निगम प्रशासन टेमीफॉश के छिड़काव को लेकर गंभीर नहीं है। अब, नए सिरे से अभियान चलाए जाने पर लार्वा को नष्ट किया जा सकेगा।
Source : Hindustan