बिहार के सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीजों के लिए सरकार ने बहुत बड़ा कदम उठाया है। कैंसर, किडनी-मानसिक रोग व डायलिसिस जैसी गंभीर बीमारियों की दवाएं अब मरीजों को निशुल्क मिलेंगी। राज्य के सरकारी अस्पतालों में 387 प्रकार की दवाएं मिल रही थीं,जिसे बढ़ाकर 611 कर दी गई है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदयरोग, दमा, मिर्गी आदि की दवाओं के प्रकार बढ़ाए गए हैं।

बता दें कि इससे पहले सरकारी अस्पतालों में मात्र 387 तरह की दवाएं मिला करती थीं। लेकिन बीते दिनों विभागीय अधिकारियों की टेक्निकल कोर कमेटी के सदस्यों ने निशुल्क मिल रही दवाओं पर मंथन किया। जिसके बाद इस टीम की समीक्षा करने पर नई दवाओं को शामिल किया गया है। नई सूची में 224 तरह की और दवाएं शामिल की गई हैं। जिसके बाद मुफ्त मिलने वाली दवाओं की संख्या 611 हो गई। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग के तरफ से ये भी ख्याल रखा है कि इन दवाओं का लाभ अधिक मरीजों को प्राप्त हो सके। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने संकल्प जारी किया है।

बता दें कि मुफ्त दवाओं की सूची में महिलाओं व बच्चों के लिए अधिक दवाएं है क्योंकि राज्य में शिशु मृत्यु दर व मातृत्व दर अधिक है। इसे कम करने के लिए विभाग ने इन दोनों से संबंधित अधिक दवाओं को शामिल किया है। बच्चों में वाली बीमारियों की दवाओं के अलावा कैंसर, डायलिसिस, किडनी रोग, हीमोफिलिया, थैलीसीमिया आदि बीमारियों की दवाएं नई सूची में शामिल की गई हैं।

वहीं मिशन क्वालिटी के तहत सदर अस्पतालों में ही 22 तरह की बीमारियों का इलाज किया जाएगा। इसके लिए इन आपातलों में ऑर्थोपेडिक सर्जरी की दवाएं शामिल हैं। अस्पतालों में दवाओं की आपूर्ति ई-औषधि पोर्टल के माध्यम से की जा रही है। वहीं देश में दवाओं की आपूर्ति एवं वितरण के मामले में बिहार दूसरे पायदान पर है।

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