देश के प्रसिद्ध यूरोलॉजिस्ट डॉ निखिल रंजन चौधरी ,आईजीआईएमएस, पटना का कहना है कि मानव शरीर में पायी जाने वाली कैंसर की अनेक प्रजाति जैसे ब्लड कैंसर, पैंक्रिअटिक कैंसर की तरह ही प्रोस्टेट कैंसर भी एक प्रकार का कैंसर है। प्रोस्टेट कैंसर सिर्फ पुरुषों में ही पाया जाता है। कुछ कैंसर ऐसे भी होते हैं जो कि पुरुषों और महिलाओं दोनों में पाये जाते हैं लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो कि या तो पुरुषों में पाए जाते हैं या सिर्फ महिलाओं में पाये जाते हैं। प्रोस्टेट कैंसर महिलाओं में नहीं पाया जाता है। महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर ज्यादा पाया जाता है। प्रोस्टेट कैंसर के मरीज़ आजकल बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं।
प्रोस्टेट ग्लैंड या ग्रंथि में होने वाले कैंसर को ही हम प्रोस्टेट कैंसर कहते हैं। प्रोस्टेट ग्रंथि एक अखरोट की आकार की ग्रंथि होती है जो कि सिर्फ पुरुषों में पाई जाती है। यह ग्रंथि महिलाओं में नहीं पाई जाती है। प्रोस्टेट पुरुषों में पाए जाने वाली एक छोटी सी ग्रंथि होती है जो कि पेट के निचले हिस्से में पाई जाती है। इस ग्रंथि में जिस तरल पदार्थ का निर्माण होता है उसे सीमन के नाम से जाना जाता है। जब प्रॉस्टेट ग्रंथि मे कोशिकाओं का विकास असामान्य तरीके से होता है तो उसे प्रोस्टेट कैंसर के नाम से जाना जाता है.
प्रोस्टेट ग्रंथि क्या होती है?
प्रोस्टेट एक प्रकार की ग्रंथी है जो केवल पुरुषों में ही पाई जाती है। इस ग्रंथि का मुख्य कार्य एक सफ़ेद रंग के पदार्थ का निर्माण करना होता है जो वीर्य का ही भाग होता है। इसका मुख्य कार्य शुक्राणुओं के लिए भोजन की व्यवस्था करना होता है।
प्रोस्टेट ग्रंथि पुरुषों में उम्र के साथ साथ अपने आकार को परिवर्तित करती जाती है। कई बार इसी के चलते प्रोस्टेट ग्रंथि में कोशिकाओं का विभाजन सही प्रकार से नहीं होता। कोशिकाएं अनियंत्रित होकर विभाजित होने लगती हैं जिससे प्रोस्टेट ग्रंथि में कैंसर बनना शुरू हो जाता है। इस स्थिति को ही प्रोस्टेट कैंसर के नाम से जाना जाता मानव शरीर में पायी जाने वाली कैंसर की अनेक प्रजाति जैसे ब्लड कैंसर, पैंक्रिअटिक कैंसर की तरह ही प्रोस्टेट कैंसर भी एक प्रकार का कैंसर है। प्रोस्टेट कैंसर सिर्फ पुरुषों में ही पाया जाता है। कुछ कैंसर ऐसे भी होते हैं जो कि पुरुषों और महिलाओं दोनों में पाये जाते हैं लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो कि या तो पुरुषों में पाए जाते हैं या सिर्फ महिलाओं में पाये जाते हैं। प्रोस्टेट कैंसर महिलाओं में नहीं पाया जाता है। महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर ज्यादा पाया जाता है। प्रोस्टेट कैंसर के मरीज़ आजकल बहुत तेजी से बढ़ रहे है.
डॉ निखिल रंजन चौधरी बताते है कि
प्रोस्टेट ग्लैंड या ग्रंथि में होने वाले कैंसर को ही हम प्रोस्टेट कैंसर कहते हैं। प्रोस्टेट ग्रंथि एक अखरोट की आकार की ग्रंथि होती है जो कि सिर्फ पुरुषों में पाई जाती है। यह ग्रंथि महिलाओं में नहीं पाई जाती है। प्रोस्टेट पुरुषों में पाए जाने वाली एक छोटी सी ग्रंथि होती है जो कि पेट के निचले हिस्से में पाई जाती है। इस ग्रंथि में जिस तरल पदार्थ का निर्माण होता है उसे सीमन के नाम से जाना जाता है। जब प्रॉस्टेट ग्रंथि मे कोशिकाओं का विकास असामान्य तरीके से होता है तो उसे प्रोस्टेट कैंसर के नाम से जाना जाता है।
कैंसर क्या है?
हमारे शरीर को विकास करने के लिए नई कोशिकाओं की आवश्यकता होती है। हमारा शरीर निरंतर नई कोशिकाओं का निर्माण करता रहता है। इसी के साथ पुरानी कोशिकाओं की मरम्मत और ख़राब हुई कोशिकाओं को पूर्णतः ख़त्म करने का भी कार्य शरीर में होता रहता है।
शरीर में कोशिका विभाजन का कार्य एक निश्चित रेखा में होता है। शरीर में कोशिका विभाजन को संयम रखने के लिए कुछ चेक प्वाइंट भी होते हैं। ये चेक प्वाइंट यह सुनिश्चित करते हैं कि माइटॉसिस और मियॉसिस (कोशिका विभाजन चक्र) के दौरान जो भी कोशिका विभाजन हो रहा है वह निश्चित समय अवधि में ही हो रहा है।
कैंसर की अवस्था होने पर ये निश्चित रूपरेखा प्रभावित होने लगती है। चेक पॉइंट्स फ़ेल हो जाते हैं और कोशिकाएं अनियंत्रित होकर विभाजित होने लगती हैं। इस प्रकार शरीर में फ़ालतू कोशिकाएं बनने लगती हैं जिन्हें कैंसर कोशिकाएं कहते हैं। यह स्थिति कैंसर कहलाती है। शरीर में कैंसर वह बीमारी है जो कोशिका विभाजन को प्रभावित करती है।
डॉ निखिल रंजन चौधरी का कहना है कि कैंसर बीमारी होने के बहुत से कारण हो सकते हैं। धूम्रपान, तम्बाकू, शराब इत्यादि के सेवन से कैंसर की संभावना ज़्यादा बढ़ जाती है। इसी के साथ जो लोग धूम्रपान, तंबाकू या शराब का सेवन नहीं करते हैं ऐसे लोगों में भी कैंसर की संभावना बनी रहती है और इसका कारण असंतुलित आहार और कम नींद लेना है।
प्रोस्टेट कैंसर के प्रकार
प्रोस्टेट कैंसर के दो प्रकार होते हैं:
1) एग्रेसिव प्रॉस्टेट कैंसर: एग्रेसिव प्रोस्टेट कैंसर को तीव्र विकसित होने वाला कैंसर भी कहा जाता है। यह कैंसर बहुत तेजी से शरीर में विकसित होता है और शरीर के अन्य अंगों में भी फैल जाता है।
2) नॉन एग्रेसिव प्रोस्टेट कैंसर: नॉन एग्रेसिव प्रोस्टेट कैंसर को धीमी गति से विकसित होने वाला कैंसर भी कहा जाता है। यह कैंसर पुरुषों में सिर्फ प्रोस्टेट ग्लैंड में ही पाया जाता है।
प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण
प्रोस्टेट कैंसर की शुरुआत का पता नहीं चल पाता है जिससे इसका समय पर इलाज नहीं हो पाता है। फिर भी और बीमारियों की तरह प्रोस्टेट कैंसर के भी कुछ लक्षण होते हैं-
1) पेशाब आना
अधिकतर लोगों में या देखा गया है कि बार-बार पेशाब का आना एक बहुत ही प्रमुख प्रोस्टेट कैंसर का लक्षण है।
2) पेशाब करते समय खून का आना
पेशाब करते समय खून का आना भी प्रोस्टेट कैंसर होने का एक प्रमुख लक्षण है। अगर किसी भी पुरुष को पेशाब करते समय खून आ जाता है तो उसे तुरंत ही अपना इलाज शुरू करवाना चाहिए ।
3) पीठ में दर्द
पीठ में दर्द होना भी एक प्रोस्टेट कैंसर का ही लक्षण है। हमें इस समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और तुरंत ही हमें अपने डॉक्टर को सूचित करना चाहिए।
4) पेशाब का रुकना
कई बार यह भी देखा गया है कि कई पुरुषों में पेशाब का सही से ना होना या रुक रुक कर आना भी प्रोस्टेट कैंसर का एक प्रमुख लक्षण है।
प्रोस्टेट कैंसर के कारण
प्रोस्टेट कैंसर के कई कारण हो सकते हैं जिनमें से कुछ कारण यह भी है-
1) अधिक उम्र
अधिक उम्र होने के कारण भी प्रोस्टेट कैंसर हो सकता है। यह कैंसर ज्यादातर उम्र दराज लोगों में ही देखा गया है। इसलिए उम्र दराज लोगों को अपनी सेहत पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।
2) मोटापा
मोटापा का होना ही अपने आप में एक बहुत बड़ी बीमारी है। जिन पुरुषों का वजन बहुत अधिक होता है उनमें भी यह बीमारी पाई जाती है। इसलिए पुरुषों को अपने वजन पर भी ध्यान देना चाहिए।
3) हारमोंस
हारमोंस का परिवर्तन सामान्य तरीके से ना होने के कारण भी प्रोस्टेट कैंसर हो जाता है।
4) अन्हेल्थी फूड या संतुलित आहार
जो पुरुष ज्यादा तली भुनी चीजें और बाहर की चीजें खाते हैं उनको भी प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा हो जाता है। इसलिए हम सभी को पौष्टिक आहार ही खाना चाहिए।
प्रोस्टेट कैंसर का इलाज
प्रोस्टेट कैंसर का इलाज हो सकता है। समय रहते ही हमें इसका इलाज शुरू करवा देना चाहिए ताकि हमारी जिंदगी बेहतर हो सके। डॉ निखिल रंजन चौधरी बताते कि प्रोस्टेट कैंसर का इलाज किस तरह किया जा सकता है?
1) दवाई
इस कैंसर का इलाज दवाई के द्वारा से भी कर सकते हैं। प्रोस्टेट कैंसर के लिए बहुत सारी दवाएं मौजूद हैं। यदि हम समय-समय पर अपनी दवाइयां ले तो हम कैंसर से छुटकारा पा सकते हैं।
2) सर्जरी
जब हमारा इलाज किसी भी अन्य तरीके से नहीं हो पाता है तब हमारे पास यह एक आखिरी तरीका बच जाता है। इस सर्जरी को प्रोस्टेटेक्टमी कहा जाता है। इसमें सर्जिकल तरीके से प्रोस्टेट ग्लैंड को निकाल दिया जाता है।