ब्रह्मपुरा के पमरिया टोला निवासी राजन साह की छह वर्षीया बच्ची खुशी के अपहरण की जांच का जिम्मा पटना हाईकोर्ट ने सीबीआई को सौंप दिया है। कोर्ट ने जांच में लापरवाही बरतने वाले दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई का आदेश मुजफ्फरपुर एसएसपी जयंतकांत को दिया है। न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद की एकलपीठ ने मामले पर सुनवाई की। कोर्ट ने सीबीआई को जल्द अपहृत बच्ची का पता लगाने का आदेश दिया। कोर्ट ने मुजफ्फरपुर एसएसपी को इस मामले से जुड़े सभी रिकॉर्ड सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया।
मामला 16 फरवरी 2021 का है। खुशी मोहल्ले में हो रही सरस्वती पूजा के पंडाल में खेलते समय गायब हो गई थी। ढूंढ़ने पर जब कोई पता नहीं चला, तब पिता राजन साह ने ब्रह्मपुरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आज तक पुलिस बच्ची का सुराग नहीं लगा सकी।
पुलिस की कार्रवाई से असंतुष्ट बच्ची के पिता ने हाईकोर्ट में 16 अगस्त 2021 को अर्जी दाखिल की थी। आवेदक का कहना था कि कई अहम सुराग देने के बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है। इस केस के एक संदिग्ध की ऑडियो रिकॉर्डिंग पुलिस को दी गई, लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया। मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पुलिस की कार्यशैली पर कड़ी टिप्पणी भी की। बताया गया है कि पुलिस ने पॉलीग्राफी टेस्ट का बहाना बनाकर कोर्ट का समय बर्बाद किया। कोर्ट ने सीबीआई के निदेशक तथा नई दिल्ली के सीएफएसएल को पार्टी बनाने का आदेश दिया था।
Source : Hindustan