केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को शेयर करने वाले ट्वीट्स को ब्लॉक करने का आदेश दिया है। सूत्रों के अनुसार, सरकार ने उन यूट्यूब वीडियोज को भी ब्लॉक करने का आदेश दिया है, जिसमें बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के पहले एपिसोड को शेयर किया गया था। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने यह आदेश जारी किया है।
We Indians voted him to be PM of India not once but twice and will do so in 2024 too. Take that @BBC @BBCHindi
He is absolutely correct, Britishers should be the last person to preach human right.#boycottbbc #bbcquitindia pic.twitter.com/2vkrPlT4oj— Rajvi Shah (@RajviS1001) January 20, 2023
सूत्रों की मानें तो ऐसे 50 ट्वीट्स को ब्लॉक करने का आदेश दिया गया है। इसमें यूजर्स ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री वाले यूट्यूब लिंक्स को शेयर किया था। यह आदेश शुक्रवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव ने आईटी नियम, 2021 के तहत मिलने वाली इमरजेंसी पावर के अंतर्गत दिया। सूत्रों की मानें तो यूट्यूब और ट्विटर को इन आदेश को मानना पड़ेगा।
बता दें कि डॉक्यूमेंट्री को विदेश मंत्रालय ने एक प्रोपेगैंडा पीस बताया है। विवाद के बीच गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और सूचना और प्रसारण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने डॉक्यूमेंट्री की जांच की और इसे सुप्रीम कोर्ट के प्राधिकरण पर आक्षेप लगाने का प्रयास पाया। ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ नामक डॉक्यूमेंट्री के कई ट्वीट्स और यूट्यूब वीडियो अब माइक्रो ब्लॉगिंग और वीडियो-शेयरिंग वेबसाइटों पर दिखाई नहीं देंगे।
इससे पहले, गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री का मुद्दा ब्रिटिश संसद में भी उछला। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने पीएम मोदी का बचाव किया। सुनक ने पीएम मोदी पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर एतराज जताया। ब्रिटिश संसद में पीएम मोदी का बचाव करते हुए, सुनक ने बीबीसी डॉक्यूमेंट्री से खुद को अलग कर लिया। उन्होंने कहा कि डॉक्यूमेंट्री में जिस तरह से उनके भारतीय समकक्ष का कैरेक्टर दिखाया गया है वह उससे सहमत नहीं हैं।
सुनक की यह टिप्पणी पाकिस्तान मूल के सांसद इमरान हुसैन द्वारा ब्रिटिश संसद में विवादित डॉक्यूमेंट्री का मुद्दा उठाए जाने के बाद आई। सुनक ने बीबीसी की रिपोर्ट पर हुसैन के सवाल का जवाब देते हुए कहा, “इस (मुद्दे) पर यूके सरकार की स्थिति स्पष्ट है और लंबे समय से चली आ रही है। सरकार की स्थिति इस पर बदली नहीं है। निश्चित रूप से, हम उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं करते हैं, चाहे वह कहीं भी हो। लेकिन माननीय सज्जन ने (पीएम मोदी का) जो चरित्र चित्रण किया है, मैं उससे बिल्कुल सहमत नहीं हूं।”
Source : Hindustan