पटना । उफ्फ, ये बिहार के चूहे, गजब का का’रनामा करते हैं। पहले था’ने में रखी श/राब पी ली और अब देखिए, इस बार उन्होंने टीचर्स को मु/सीबत में डाल दिया है। फ/र्जी प्रमाणपत्र के आधार पर शिक्षक बने अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की जांच की जा रही है तो पता चला कि उनके फोल्डरों को ये श’रार’ती चूहे कु/तर गए हैं।

 

जब पुलिसवालों ने चूहों पर आरोप लगाया कि थानों में रखी जब्त शराब चूहे गटक गए हैं, तब पुलिस की व्यवस्था पर सवाल उठे थे। ऐसे ही सवाल अब नियोजित शिक्षकों को बहाल करने वाली इकाइयों पर हैं। इस बार चूहों के सिर इल्जाम है कि उन्होंने लगभग 40 हजार नियोजित शिक्षकों के प्रमाणपत्र वाले फोल्डर ही कुतर डाले हैं।

कुछ इकाइयां कह रहीं कि 10 हजार शिक्षकों के प्रमाणपत्र बाढ़ में खराब हो गए हैं। ऐसे ही ‘बहानों’ की वजह से फर्जी प्रमाणपत्र की जांच कर रही विजिलेंस टीम को पांच साल से एक लाख शिक्षकों का फोल्डर ही नहीं मिल रहे।

साढ़े तीन लाख शिक्षकों के प्रमाणपत्र की करनी है जांच 

हाईकोर्ट के आदेश पर बिहार में 3 लाख 52 हजार शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच चल रही है। शिकायत मिली थी कि फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर बड़ी संख्या में लोग शिक्षक बन गए हैं। जांच की प्रक्रिया कोर्ट के आदेश के बाद 2015 में शुरू हुई थी।

जांच का आदेश मिलने पर निगरानी ब्यूरो ने जिलों में अपने कार्यालय खोले। मकसद था कि संबंधित नियोजन इकाइयां निगरानी ब्यूरो के जिला कार्यालयों को प्रमाणपत्र मुहैया करा दें, ताकि समय की बर्बादी नहीं हो, लेकिन विजिलेंस का यह प्रयास भी नाकाफी साबित हुआ।

तमाम प्रयासों के बाद भी नहीं मिल रहे फोल्डर 

विजिलेंस ब्यूरो को अब तक करीब एक लाख शिक्षकों के प्रमाणपत्र फोल्डर नहीं मिले हैं। सूत्रों का कहना है कि जिला और प्रखंड स्तर की अधिकांश नियोजन इकाइयों ने यह कहकर फोल्डर उपलब्ध कराने से इन्कार कर दिया है कि उनकी इकाई में चूहे सैकड़ों शिक्षकों की फाइल कुतर चुके हैं। कुछ प्रमाणपत्र पिछले वर्ष दो बार आई बाढ़ में तबाह हो गए हैं।

निगरानी ने शिक्षा विभाग से पूछा, हम क्या करें 

निगरानी ब्यूरो ने शिक्षा विभाग को जिला और प्रखंड नियोजन कार्यालयों के इन्कार के बारे में शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को बताया है। विजिलेंस का साफ कहना है कि बगैर सर्टिफिकेट फोल्डर के यह पता करना असंभव है कि शिक्षक का नियोजन असली प्रमाणपत्र के आधार पर हुआ या फिर फर्जी।

शिक्षा विभाग ने दिए जांच के आदेश

विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने कहा कि मैंने स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि शिक्षकों के प्रमाणपत्र फोल्डर देने होंगे। कोई बहानेबाजी नहीं चलेगी। बहानेबाजों के  खिलाफ पूर्व में ही कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। जो भी दोषी हैं, वे बच नहीं सकते।

अब तक निगरानी को मिले शिक्षकों के प्रमाणपत्र 

– कुल नियोजित शिक्षक :         352812

– निगरानी को मिले फोल्डर :     243129

– अब तक नहीं मिले फोल्डर :   109683

– अब तक मिले फर्जी प्रमाणपत्र : 1132

– कुल दर्ज मुकदमे :              419

– कितने शिक्षकों पर हुए केस :   1426

Input : Dainik Jagran

I just find myself happy with the simple things. Appreciating the blessings God gave me.