मुजफ्फरपुर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। नहाय-खाय के साथ शनिवार से चार दिवसीय चैती छठ का अनुष्ठान शुरू हो गया। इसके लिए बूढ़ी गंडक सहित सरावरों में व्रतियों की भीड़ जुटी। जो नदी स्नान के लिए नहीं जा सके, घर पर ही पानी में गंगाजल डालकर स्नान किया। फिर अरवा चावल, चना-अरहर की दाल व कद्दू की सब्जी महाप्रसाद के रूप में ग्रहण किया।
वहीं, दिन में गेहूं को धोकर सुखाने के बाद शाम में गेहूं को मिल में भेजा। छठ व्रती रविवार की शाम खीर और रोटी व केला के साथ खरना पूजा करेंगी। इसी के साथ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाएगा। चैती छह का पहला अर्घ्य सोमवार की शाम 5 बजे दिया जाएगा। वहीं सप्तमी तिथि मंगलवार को 600 बजे से सुबह का अर्घ्य अर्पित किया जाएगा। पंडित जय किशोर मिश्र ने बताया कि चैती छठ ज्यादातर लोग घरों में ही करते हैं। साफ-सफाई नहीं होने से तालाब या नदी तट पर कम लोग जाते हैं।
Source : Hindustan