किसी व्यक्ति का व्यवहार व आचरण ही उसे समाज में सम्मान दिलाता है और परिवार में भी ऐसे व्यक्ति की काफी खातिर की जाती है. आचार्य चाणक्य ने भी अपने नीतिशास्त्र चाणक्य नीति में व्यक्ति के कुछ ऐसे गुणों के बारे में जानकारी दी है जो कि उसे समाज में एक खास पहचान दिलाते हैं और लोगों में नजरों में वह सज्जन व्यक्ति कहलाता है. चाणक्य नीति में दी गई बातों को ध्यान में रखकर आप आसानी से सही-गलत में अंतर कर सकते हैं. साथ ही आपको यह समझने में भी कोई परेशानी नहीं होगी कि समाज कैसे लोगों से बनता है और किन लोगों का वहां सम्मान होता है. आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में सज्जन व्यक्ति के कुछ गुण बताए हैं. आइए जानते हैं कौन कहलाता है सज्जन व्यक्ति?
ऐसे लोग होते हैं सज्जन
आचार्य चाणक्य के अनुसार एक सज्जन व्यक्ति का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण गुण होता है धैर्य. जिस व्यक्ति में धैर्य होता है वह किसी भी परिस्थिति को बेहद आसानी से पार कर सकता है. चाणक्य नीति में दिए गए एक श्लोक के अनुसार समुद्र भी प्रलय आने पर अपनी मर्यादा लांघ देता और किनारों को तोड़कर तबाही मचा देता है. लेकिन एक सज्जन व्यक्ति वही है जिसमें धैर्य है और ऐसा व्यक्ति विपरित परिस्थितियों में भी अपना धैर्य नहीं खोता. व्यक्ति का यही गुण उसे जीवन में सफलता हासिल करने में मदद करता है.
गंभीर होना भी एक सज्जन व्यक्ति की निशानी है. महिला हो या पुरुष, यदि कभी जीवन में कुछ बुरे हालात सामने आ जाएं तो गंभीरता को नहीं त्यागना चाहिए. सज्जन व्यक्ति की पहचान उसके व्यवहार, गंभीरता और आचरण से होती है.
किसी भी परिस्थिति में व्यक्ति को अपनी ईमानदारी के साथ समझौता नहीं करना चाहिए. समाज में वहीं व्यक्ति सज्जन कहलाता है जो कि अपने कर्म और मेहनत के दम पर हासिल करता है. इसलिए कभी ईमानदारी का साथ न छोड़ें.
जो व्यक्ति निस्वार्थ भाव के साथ अपने परिवार के प्रति जिम्मेदारियां निभाता है वह व्यक्ति सज्जन कहलाता है और समाज में उसे एक सम्मनीय स्थान प्राप्त होता है. इसलिए हर रिश्ते को पूरी ईमानदारी और प्रेमभाव के साथ निभाएं.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं. Muzaffarpur Now इसकी पुष्टि नहीं करता. इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.