मुजफ्फरपुर के वीरपुर सिंघाड़ा गांव के रहने वाले एसटीएफ सब-इंस्पेक्टर चंदन कुमार ने एक मिसाल कायम की है। माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने का सपना देखने वाले चंदन ने हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान, दार्जिलिंग से बेसिक माउंटेनियरिंग कोर्स पूरा कर लिया है। इस कोर्स के दौरान उन्होंने समुद्र तल से 16,500 फीट ऊंचे माउंट रेनॉक की चोटी पर पहुंचकर भारतीय तिरंगा फहराया।
सपना देखा और रास्ता खोजा
चंदन ने बताया कि 2015 में राजेपुर लखना हाई स्कूल में शिक्षक की नौकरी के दौरान ही उन्होंने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई का सपना देखा था। हालांकि, तब उन्हें कोई राह नजर नहीं आई। इसके बावजूद उन्होंने अपने प्रयास जारी रखे। 2023 में उन्हें पता चला कि माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई से पहले प्रशिक्षण लेना आवश्यक है। उन्होंने 16 नवंबर 2023 को हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान में नामांकन हासिल किया और 21 अक्टूबर से 17 नवंबर 2024 तक प्रशिक्षण लिया।
चुनौतियों से भरा प्रशिक्षण
चंदन ने बताया कि नामांकन से पहले ही उन्हें मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से मजबूत बनना पड़ा, क्योंकि उनकी पुलिस की नौकरी में हर दिन नए चैलेंज सामने आते थे। प्रशिक्षण के दौरान भी चुनौतियां कम नहीं थीं। पहले 14 किलोमीटर के पैंडम ट्रैक को 16 किलोग्राम वजन के बैग के साथ 2 घंटे 20 मिनट में पूरा करना पड़ा। यह रास्ता दार्जिलिंग के सबसे कठिन ट्रैक में से एक है।
इसके बाद उन्होंने तीन दिनों में 40 किलोमीटर की दूरी तय कर वेस्ट सिक्किम के बेस कैंप चौरी खांग पहुंचा। इस दौरान उनके कंधे पर 20 किलोग्राम का वजन था और रास्ता एशिया के सबसे कठिन मार्गों में से एक था।
ग्लेशियर प्रशिक्षण और सफलता का क्षण
बेस कैंप पर ग्लेशियर पर 11 दिनों का प्रशिक्षण बेहद चुनौतीपूर्ण रहा। इसके बाद उन्होंने बर्फ से ढकी ऊंचाइयों को पार कर माउंट रेनॉक की चोटी पर चढ़ाई की। अंततः उन्होंने 16,500 फीट की ऊंचाई पर भारतीय तिरंगे को फहराने का गौरव हासिल किया।
सम्मानित हुए चंदन कुमार
हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान के ग्रुप कैप्टन जय किशन और प्रशिक्षक उदय ने उन्हें प्रशिक्षण के समापन पर “आइस एक्स” देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि चंदन अपने प्रयासों से युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए हैं।
चंदन ने इस सफलता को अपने गांव, समाज और विभाग को समर्पित किया है। उन्होंने कहा कि यह माउंट एवरेस्ट फतह की पहली सीढ़ी है और उनका सपना इसे पूरा करना है।
जय हिंद, जय भारत, जय बिहार!