मुजफ्फरपुर की धरती को शुरू से ही क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता सेनानी की धरती कहा जाता है। देश में भारत सरकार के द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव में अब इन क्रांतिकारियों के नाम को नया पीढ़ी भी कैसे याद रखे इसकी कवायद भी तेज हो गई है।
मुजफ्फरपुर जिले के प्रमुख मार्ग और कहे तो सबसे बिजी मार्ग को अमृत महोत्सव के समय में मार्ग का नाम बदलने का प्रस्ताव तिरहुत आयुक्त के द्वारा नगर आयुक्त मुजफ्फरपुर को दी गई थी। जिसके ऊपर नगर आयुक्त ने भी पहल शुरू कर दी है।
वहीं आयुक्त के पत्र के आलोक में नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय ने नए महापौर राकेश कुमार पिंटू को शनिवार को पत्र लिख जुरन छपरा से सरैयागंज टावर तक जाने वाली मार्ग का नाम खुदीराम बोस मार्ग वही जूरन छपरा से मारीपुर होते हुए भगवानपुर जाने वाली मार्ग का नाम प्रफुल्ल चाकी मार्ग करने पे निगम बोर्ड से अनुमोदन लेने का आग्रह किया।
आपकों बता दे की खुदीराम बोस और प्रफुल्ल चाकी 30 अप्रैल 1908 के मुजफ्फरपुर क्लब के सामने दमनकारी जज किंग्सफोर्ड की हत्या के नियत से बम बरसाया था.जिसके बाद खुदीराम बोस को मुजफ्फरपुर जेल में फांसी पर लटका दिया गया वही प्रफुल्ल चाकी को जब लगा की वह अंग्रेजो के कब्जे में आ जाएंगे तो खुद को गोली मार शहीद हो गए।
दोनों की वीरता को याद रखने के लिए कंपनीबाग मार्ग में ही खुदीराम बोस और प्रफुल्ल चाकी का स्मारक स्थल भी बनवाया गया है।
(मुजफ्फरपुर नाउ के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)