शहर में मौसम का मिजाज मंगलवार को बदला हुआ था। सुबह करीब दस बजे मौसम में बदलाव दिखा। आसमान में बादल छा गए। दिन में अंधेरा जैसा माहौल हो गया। शहरी इलाकों में बारिश व ओलावृष्टि तो नहीं हुई लेकिन जिले के कई प्रखंडों में ओलावृष्टि होने की सूचना है। जिले के सकरा प्रखंड के पूर्वी हिस्से में भारी ओलावृष्टि हुई है। मौसम के रूख को देख लोग घर की ओर भागने लगे। इन्हें घर पहुंचने की जल्दबाजी थी। इस दौरान तेज हवा ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी।
मौसम में बदलाव से लोगों को ठंड का एहसास करा दिया। हाल के दिनों में मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है। मुजफ्फरपुर जिले के कई प्रखंडों में बारिश होने की भी सूचना है। अप्रैल के दूसरे सप्ताह में मौसम में बदलाव से लोग ठंड से बचते भी नजर आने लगे है। मौसम के उत्तर बिहार में करवट लेने की सूचना है। कई दिनों से लोगों को सुबह व शाम ठंड का एहसास हो रहा है।
दरभंगा में ओलावृष्टि से रबी फसल को नुकसान
दरभंगा में मौसम ने मंगलवार की सुबह अचानक करवट ले ली है। तेज हवा के साथ झमाझम बारिश एवं ओलावृष्टि से रबी फसलों को नुकसान हुआ है। शहरी इलाके में कई कंपनियों के होर्डिंग उड़ गए हैं। गेहूं की कटी भींग जाने से किसानों को क्षति हुई है। आम के टिकोले को नुकसान पहुंचा है। बदलते मौसम ने एक बार फिर लोगों को ठंड का एहसास करा दिया।
दिन के करीब बारह बजे अचानक आसमान में काले बादल छाए हुए हैं। शहर की सड़कों पर कीचड़ एवं जलजमाव हो गया है। केवटी, जाले, बेनीपुर प्रखंड में बारिश के साथ ओले गिरे हैं। किसान खेतों में लगी गेहूं की फसल की कटनी व दलहन की दौनी शुरू कर चुके थे। उन्हें अब दौनी रोककर धूप निकलने का इंतजार करना होगा। बेनीपुर में ओलावृष्टि हुई है। केवटी में जमकर बारिश हुई। इस दौरान सड़क पर पानी जमा हो गया।
पूर्वी चंपारण के कई क्षेत्रों में हुई आंधी-पानी व ओलावृष्टि
तेज आंधी के बीच पूर्वी चंपारण जिले के आधा दर्जन प्रखंडों में मंगलवार की सुबह आधी-पानी के साथ जमकर ओलावृष्टि हुई। इससे रबी फसल को भारी नुकसान हुआ है। ओलावृष्टि से तैयार गेहूं, दलहन, तेलहन सहित आम व लीची सहित केला की सफल को सर्वाधिक नुकसान होने की संभावना है।विभाग के कर्मी नुकसान के आकलन में लगे हैं।
वही किसान खेतों में लगी फसल के नुकसान को लेकर चिंतित है। किसानों गेहूं के तैयार फसल के नुकसान को लेकर सर्वाधिक चिंतित है। सर्वाधिक नुकसान जिले के ढाका, पताही, रक्सौल, चिरैया, आदापुर, बनकटवा, घोड़ासहन, छौड़ादानो आदि में हुआ है। वही कई प्रखंडों में तेज आंधी के साथ हुई बारिश से फसलों को नुकसान हुआ है। वहीं, जिले के रक्सौल से मिली जानकारी के अनुसार भारत-नेपाल सीमा के तलहटी वाले क्षेत्र में मंगलवार को मौसम का मिजाज अचानक बदल गया। तेज हवा के साथ झमाझम बारिश एवं ओलावृष्टि होने लगी।
रूक-रूककर करीब घंटों तक बारिश और ओलावृष्टि हुई। जिससे रबी फसल के साथ-साथ आम, लीची आदि को नुकसान पहुंचा। अनुमंडल क्षेत्र के सीमावर्ती आदापुर, रामगढ़वा, छौड़ादानो, रक्सौल सहित नेपाल के बारा व पर्सा जिलों में जमकर बारिश हुई। बेमौसम बरसात ने किसानों की कमर तोड़ दी है। तेज हवा के साथ बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं के फसल जो कटने को तैयार हो रहे है उनके नष्ट होने को लेकर किसान मायूस हो रहे है। इनका कहना है कि हाल ही में दलहन फसलों के कटने के समय में भी बारिश हो गई थी। जिसे अधिकांश दलहन की फसलें बर्बाद हो गई थी।
इस समय आम व लीची में मंजर लगने का समय है। तेज हवा के साथ बारिश और ओलावृष्टि होने से मंजर को नुकसान पहुंचा है। वहीं नेपाल के सेमरा आदि क्षेत्रों में तेज हवा से कई जगहों पर पोल टूट कर गिर चुके है। इससे इलाके में भारी नुकसान पहुंचा है। इसके साथ ही बारिश से भेलाही-घोड़ासहन नहर पथ, स्टेशन रोड, कौड़ीहार चौक, कॉलेज रोड आदि सहित विभिन्न क्षेत्रों की सड़कों पर जलजमाव हो गया है। वहीं दुकानों के होर्डिंग आदि क्षतिग्रस्त हो गए है। किसान खेतों में लगी गेहूं की फसल की कटनी व दलहन की दौनी शुरू कर चुके थे।
उन्हें अब दौनी रोककर धूप निकलने का इंतजार करना होगा। रक्सौल प्रखंड के लक्ष्मीपुर निवासी किसान विजय शर्मा, शहर के ई.भरत प्रसाद सिन्हा, चिकनी मनोज राव, फूलेना सिंह, डुमरिया निवासी मो. एहेतेशाम ने बताया कि रवि फसल कुछ खेतों में कुछ खलिहानों में भीग कर बर्बाद हो गए है। लगातार दो दिन तक मौसम इसी तरह रहा तो समझिए 80 प्रतिशत फसल बर्बाद हो जाएगा।
फिलहाल 25 से 30 प्रतिशत फसल का नुकसान हुआ है। ओले गिरने से मौसमी फलों में आम, लीची और कटहल आदि फसल पर भी इसका असर पड़ा है। किसानो ने बताया कि बाढ़ और सुखाड़ के मार से आर्थिक संकट उतपन्न हो गया है। इधर नेपाल के सीमावर्ती जिलों में पुनः तेज आंधी पानी से टेलीफोन पोल और कुछ झोपड़ियां गिर गई। हालांकि इस में जान माल की क्षति नही हुई है।
Input : Dainik Jagran