फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र बनाकर लाखों की ठगी का मामला सामने आया है। यह सब मृत्यु प्रमाण पत्र सत्यापित करने वाली वेबसाइट के नाम से मिलता-जुलता फर्जी वेबसाइट बनाकर किया गया है। मामले का खुलासा होने के बाद आर्थिक अपराध ब्यूरो ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद से फर्जी वेबसाइट ठीक तरह से काम नहीं कर रही है। अब तक इस फर्जी वेबसाइट से कितने की ठगी की गई है। इसका आंकड़ा सामने नहीं आया है। शुरुआती जांच में लाखों रुपये ठगी की बात समझी जा रही है। 28 साल पुरानी इस वेबसाइट का वास्तविक नाम crsorgi.gov.in है। भारतीय रिजर्व बैंक इसकी देखरेख करती है। इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से डेथ क्लेम के निस्तारण में किया जाता है। साइबर ठगों ने इसी बेवसाइट के पते से मिलता-जुलता पता वाला एक फर्जी वेबसाइट तैयार कर लिया, जिसका नाम crsorgii-govi.com है।
मूल वेबसाइट के नाम में दो आई अक्षर को जोड़कर इसके पते को वास्तविक रूप दिया गया। मुख्य पेज समेत अन्य सभी चीजें मूल बेवसाइट के समान तैयार कर ठगी का कारोबार अक्टूबर 2023 से शुरू किया गया। इसे किसने तैयार किया है और इसका संचालन कहां से किया जा रहा है, इसकी सटीक जानकारी अभी नहीं मिली है। इस मामले में अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) जांच में जुट गई है।
इस बारे में भारतीय रिजर्व बैंक के अलावा कुछ वित्तीय संस्थानों ने भी ईओयू से शिकायत की है। पूरे मामले की पड़ताल जांच एजेंसी के स्तर से शुरू कर दी गई है। आरबीआई ने इससे संबंधित ई-मेल भी ईओयू को भेजा है, जिसमें इस घटना का पूरा विवरण है।
फर्जी वेबसाइट केसे कई लोगों के फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र तैयार कर इसे अनुमोदित करवाकर कई बीमा कंपनियों से डेथ क्लेम या मृत्यु उपरांत मिलने वाले लाभ को प्राप्त किया गया है। कुछ मामलों में यह भी देखा गया है कि फर्जी प्रमाण-पत्र की मदद से व्यक्ति को मृत बताकर कई बैंकों से लिए लोन को भी चुकाने में छूट ले ली गई है। कई वित्तीय और कानूनी मामलों में भी फर्जी मृत्यु प्रमाण-पत्र की मदद से गलत तरीके से राहत ले ली गई है। कई बीमा कंपनियों, बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों से फर्जी डेथ क्लेम लेकर लाखों रुपये का चूना लगाया जा चुका है। जांच पूरी होने के बाद इसके माध्यम से की गई सभी तरह की धोखाधड़ी का खुलासा होने की संभावना है।
Source : Hindustan