लोक आस्था का महापर्व छठ गुरुवार से नहाय-खाय के विधि-विधान के साथ शुरू हो चुका है. दूसरे दिन यानि आज खरना पर भगवान भास्कर को भोग लगाने के बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास (Fasting) शुरू होगा. इस दिन को लोक मान्यताओं में खरना के नाम से जाना जाता है. इसके प्रसाद में में चावल, चने की दाल, पूरी, गन्ने का रस या गुड़ से बनी रसिया जैसी चीजें बनाई जाती हैं. गोधूली बेला (सूर्यास्त से पहले का पहर) में भगवान सूर्य के प्रतिरूप को लकड़ी की पाटिया पर स्थापित करने के बाद पारंपरिक रूप से पूजा की जाती है.
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खरना के साथ शुरू होगा छठ व्रतियों का कठिन उपवास
पूजा के अंत में भगवान को सभी प्रसाद का भोग लगाया जाता है और फिर सभी लोग प्रसाद को सामूहिक रूप से ग्रहण करते हैं. इससे साथ ही छठ व्रतियों का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है. रविवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ व्रत संपन्न हो जाएगा और छठव्रती अन्न-जल ग्रहण करेंगे.
परिजनों की मंगलकामना के लिए कठिन व्रत
बता दें कि किसी भी अनहोनी से अपनी संतानों और परिजनों को सलामत रखने की मंगलकामना के साथ महिलाएं ये निर्जला व्रत रखती हैं. गौरतलब है कि अनुष्ठान के पहले दिन गुरुवार को नहाय-खाय को छठव्रतियों ने कद्दू-भात बनाकर अपने परिजनों के साथ प्रसाद ग्रहण किया.
छठ व्रतियों को न हो कोई परेशानी- सीएम नीतीश
गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ने स्टीमर से दानापुर के नासरीगंज से पटना सिटी के कंगन घाट तक गंगा घाटों पर सफाई, सुरक्षा और स्वच्छता के इंतजाम का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने छठव्रतियों के आने-जाने के लिए सुगम रास्ते का प्रबंध करने के साथ-साथ पार्किंग की व्यवस्था और घाटों तक ठीक ढंग से बैरिकेडिंग करने का आदेश दिया.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने छठ पूजा की दी बधाई
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने छठ पर प्रदेश और देशवासियों को बधाई दी है. कहा है कि लोक आस्था का यह महापर्व आत्मानुशासन का पर्व है, जिसमें लोग आत्मिक शुद्धि और निर्मल मन से अस्ताचल और उदीयमान सूर्य को अर्घ देते हैं.
मुख्यमंत्री ने छठ पर भगवान भास्कर से राज्य की प्रगति, सुख, समृद्धि, शांति व सौहार्द के लिए प्रार्थना की. उन्होंने राज्यवासियों से अपील की कि वे इस पर्व को आपसी प्रेम, पारस्परिक सद्भाव और शांति के साथ मनाएं.
Input : News18