अमेरिका के एक शीर्ष सैन्य अधिकारी ने लाइन ऑफ ऐक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर चीन की गतिविधियों के बारे में ऐसी बात बताई है जो कि वाकई में चिंता का सबब बन सकती है। उन्होंने कहा कि लद्दाख में एलएसी के पास इस तरह से चीन का निर्माण करना खतरे की घंटी साबित हो सकता है।
General Charles A. Flynn, Commanding General United States Army Pacific #USARPAC called on General Manoj Pande #COAS & discussed aspects of Bilateral Defence Cooperation.#IndianArmy#IndiaUSFriendship pic.twitter.com/QLD42WgPqJ
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) June 7, 2022
यूएस आर्मी पसिफिक के कमांडिंग जनरल चार्ल्स ए फ्लिन ने कहा, ‘जिस स्तर पर जाकर चीन गतिविधियां कर रहा है, वे आंख खोलने वाली हैं। पीएलए के पश्चिमी थेएटर कमांड में किया जाने वाला निर्माण वाकई में खतरनाक है। किसी को सवाल पूछना चाहिए कि आखिर चीन ऐसा क्यों कर रहा है और उनका उद्देश्य क्या है।’
मीडिया से बात करते हुए लद्दाख पर सवाल पूछे जाने पर फ्लिन ने जवाब दिए। उनकी यह टिप्पणी तब आई है जब कि लद्दाख में भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर तनाव को तीन साल बीत चुके हैं और कई दौर की वार्ताओं के बाद भी पूरी तरह से कोई समाधान नहीं निकल पाया है। हालांकि एलएसी पर कुछ फ्रिक्शन एरिया से सेनाओं के हटाया गया है। इतनी कामयाबी जरूर हासिल हुई है।
अमेरिकी जनरल चार दिन के दौरे पर भारत आए थे। उन्होंने आर्मी चीफ मनोज पांडेय से भी मुलाकात की। दोनों के बीच आपसी सैन्य सहयोग पर बात हुई। बता दें कि चीन तिब्बत में लंबे समय से निर्माण कर रहा है और लगातार इसे अपग्रेड करके अपने सुरक्षा के इंतजाम के अनुकूल बना रहा है। मिलिटरी ऑपरेशन के पूर्व डायरेक्टर जनरल लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) विनोद भाटिया ने कहा, सीमा के मामले में कई तरह के सवाल हैं। जो भी मतभेद हैं उनका हल निकलना जरूरी है। बातचीत के जरिए ही हल निकल सकते हैं।
बता दें कि सीमा पर तनाव को कम करने के लिए चीन और भारत के बीच 15 बार वार्ता हुई है। कोंगका ला के पास पट्रोल पॉइंट 15 और नुल्ला जंक्शन के मुद्दे पर अभी बात होनी बाकी है। मई 2020 से भी दोनों देशों के बीच तनाव है। गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो और गोगरा हॉट स्प्रिंग एरिया में तनाव काफी बढ़ गया था। दोनों तरफ के 60 हजार सैनिक अब भी यहां तैनात हैं।
पिछले दो सालों में चीन ने सीमा पर गतिविधियां बढ़ा दी हैं और आधुनिक हथियार तैनात कर दिए हैं। मई में आर्मी चीफ ने कहा था कि पीएलए के साथ फिर से विश्वास बढ़ाना आसान नहीं है क्योंकि यह एक तरफा प्रक्रिया नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा था कि दोनों देशों केबीच अब भी विश्वास की कमी है। 15 जून 2020 में गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद तनाव चरम पर पहंच गया था।
Source : Hindustan