भारत और चीन के बीच लंबे समय से चले आ रहे उतार-चढ़ाव भरे संबंधों को सामान्य करने के लिए आम सहमति बन रही है, ताकि दोनों देश एक बार फिर स्थिरता की तरफ बढ़ सकें। यह कहना है भारत स्थित चीन के राजदूत लुओ झाओहुई का। लुओ जल्द ही अपना पद छोड़कर बीजिंग लौटने वाले हैं। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच तकरार बिल्कुल उसी तरह सामान्य है जैसे एक छत के नीचे रहने वाले दो भाइयों के बीच होती है।

भारत और चीन जून 2017 में डोकलाम को लेकर सीमा पर आमने-सामने थे। तब लुओ ने दोनों देशों के बीच तनाव कम करने में अहम भूमिका निभाई थी। एंबेसी के एक कार्यक्रम के दौरान लुओ ने कहा कि दोनों देश अपने रिश्ते को एक स्वस्थ और स्थिर दिशा में बढ़ाना चाहते हैं। डोकलाम विवाद को भी दोनों देशों ने नजरअंदाज नहीं किया, बल्कि साथ बैठकर उसका समाधान किया, ताकि आपसी रिश्ते सामान्य किए जा सकें। यह मेरा और दोनों देशों के नेताओं का काम था और हम इसमें सफल रहे।

Chinese Envoy Lue Zhaohui: Issues between India-China is like two brothers who live under the one roof

व्यस्तता के बावजूद एक-दूसरे के लिए समय निकालते हैं मोदी-जिनपिंग

लुओ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच काफी अच्छी केमिस्ट्री है। दोनों नेता पिछले पांच सालों में 17 बार मिले हैं। अपनी व्यस्तता के बावजूद वे एक दूसरे से मिलने के लिए समय निकालते हैं, यह दिल छूने वाला है। लुओ ने कहा लोकसभा चुनाव के बाद भी भारत और चीन के बीच दोस्ताना मुलाकातें जारी रहेंगी। अगले महीने एससीओ समिट और उसके बाद जी-20 समिट में परंपरा के तहत सभी नेता एक दूसरे से मिलेंगे।

सीमा विवाद सुलझाना बड़ा काम, लेकिन शांति बनाए रखना जरूरी

भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद को लेकर लुओ ने कहा, इस तरह के मुद्दे इतिहास में छोड़े गए थे, इन्हें सुलझाने के लिए काफी समय लगेगा। लेकिन इन्हें सुलझाने के दौरान यह नहीं भूलना चाहिए कि हमें सीमा पर शांति बनाए रखनी होगी। हमें आर्थिक साझेदारी को भी मजबूत करना होगा और सभी मतभेदों को भुला कर आगे बढ़ना है।

Input : Dainik Bhaskar

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