एक ओर जहां संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के विरोध की आड़ में हिंसक उपद्रव की घटनाएं हो रही हैं। वहीं, दूसरी ओर सरकार ने बड़ा दिल दिखाते हुए एक पाकिस्तानी महिला को नागरिकता दी है। सरकार की इस पहलकदमी से उन लोगों को सीख लेने की जरूरत है, जो बिना इस कानून को जाने इसकी मुखालफत में देश को हिंसा की आग में झोंक रहे हैं।
नाम है हसीना बेन… जिन्हें सरकार ने बीते 18 दिसंबर को भारत की नागरिकता दी। गुजरात के भनवाड़ तालुका में जन्मी हसीना बेन Hasina Ben की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है। हसीना बेन का जन्म और परवरिश गुजरात के भनवाड़ तालुका में हुई और उन्होंने 1999 में अपनी शादी के बाद पाकिस्तानी नागरिकता ले ली थी। शादी के बाद वह पाकिस्तान में शिफ्ट हो गईं और उन्होंने अपनी शादीशुदा जिंदगी पाकिस्तान में गुजारी।
हसीना बेन की मुश्किलें तब बढ़नी शुरू हुई, जब उनके पति की मौत हो गई। आखिरकार उन्होंने अपने वतन वापस लौटने की सोची और भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन दाखिल किया। बीते 18 दिसंबर को उन्हें भारत की नागरिकता दे दी गई है। गुजरात के द्वारका जिले के कलेक्टर (Collector Dwarka) नरेंद्र कुमार मीणा (Narendra Kumar Meena) के मुताबिक, उनकी प्रार्थना पर भारत सरकार (Government of India) ने गंभीरतापूर्वक विचार करने के बाद उन्हें नागरिकता देने का फैसला लिया।
उल्लेखनीय है कि संशोधित नागरिकता कानून 2019 (Citizenship Amendment Act 2019) के खिलाफ गुरुवार को देशभर में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए। विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर देश के कई हिस्सों में धारा-144 लगाई गई है। उत्तर प्रदेश, बिहार और कर्नाटक के इलाकों में हिंसक प्रदर्शनों के चलते विशेष सतर्कता बरती जा रही है। यूपी पुलिस ने एडवाइजरी जारी करके कहा है कि लोग अपने बच्चों को किसी भी प्रदर्शन में शामिल न होने दें।
Input : Dainik Jagrna