कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) पैटर्न में बदलाव की मांग शुरू हो गयी है. गुरुवार को क्लैट एक्सपर्ट व कोफॉउंडर लॉ प्रेप ट्यूटोरियल के अभिषेक गुंजन ने चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (सीएनएलयू) के कुलपति व कंसोर्टियम के सदस्य फैजान मुस्तफा को क्लैट पैटर्न में बदलाव को लेकर ज्ञापन सौंपा है. गुंजन ने कहा कि 2019 के बाद से क्लैट पैटर्न में लगातार बदलाव किया गया. इस बदलाव के कारण हिंदी पट्टी के छात्रों को काफी नुकसान हुआ है. 2019 तक परीक्षा में रिजनिंग, मैथ, अंग्रेजी, जीके, लीगल प्रिसिंपल के सवाल पूछे जाते थे, लेकिन पैटर्न में बदलाव किया गया और केवल कंप्रिहेंसिव आधारित प्रश्न पूछे जाने लगे. कंप्रिहेंसिव में (पैसेज आधारित) एक में पांच प्रश्न होते हैं. कंप्रिहेंसिव सवाल होने से हिंदी पट्टी का रिजल्ट के साथ-साथ आवेदन करने वाले छात्रों की संख्या भी कम हुई है. इस मामले पर कंसोर्टियम के सदस्य फैजान मुस्तफा ने संज्ञान लेते हुए कहा कि बिहार के साथ अन्य हिंदी पट्टी राज्यों का डेट मिलने के बाद बैठक में पुराने पैटर्न को पुन: बहाल करने पर चर्चा की जायेगी. लेकिन डेटा होना चाहिए कि लगातार आवेदन करने वाले छात्रों की संख्या कम हुई और रिजल्ट में स्कोरिंग भी कम हिंदी पट्टी के छात्रों का कम हो रहा है. अगर कम हो रहा है तो यह गंभीर मामला है. इसी मुद्दे पर कंसोर्टियम बात रखी जायेगी और मेरा समर्थन रहेगा. पूरी कोशिश रहेगी की पैटर्न में बदलाव हो. अभिषेक गुंजन ने कहा कि हिंदी पट्टी बिहार, यूपी के आसपास के राज्यों के स्टूडेंट्स की इंग्लिश इतनी अच्छी नहीं होती है. इससे कई स्टूडेंट्स क्लैट में क्वालीफाई नहीं कर पाते हैं. पैटर्न बदलने को लेकर कई बार मांग उठती रही है. देश के 24 राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षा कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) 2024 का आयोजन तीन दिसंबर 2023 को किया जायेगा. इसके जरिये शैक्षणिक सत्र 2024-25 के पांच वर्षीय विधि पाठ्यकम और एक वर्षीय एलएलएम में प्रवेश मिलेगी.
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