दुनियाभर में कोरोना वायरस को लेकर दशहत के साये के बीच मुंबई से सीतामढ़ी पहुंची भारत की पहली हॉस्पीटल ट्रेन को इलाज की अनुमति नहीं मिल पाई। लिहाजा, यह ट्रेन बैरंग लौटाई जा रही है। सीतामढ़ी के बाजपट्टी रेलवे स्टेशन पर यह ट्रेन चार दिनों से आकर खड़ी है। 17 मार्च से 5 अप्रैल तक इस हॉस्पीटल ट्रेन के जरिए मरीजों का इलाज किया जाना था।

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निशुल्क अस्पताल सेवा

रेलवे की 208वीं लाइफलाइन एक्सप्रेस परियोजना के माध्यम से इंपेक्ट इंडिया फाउंडेशन के तहत यह चलंत नि:शुल्क अस्पताल सेवा शुरू की है। यह ट्रेन देश के विभिन्न हिस्सों से होते हुए सीधे मुंबई से यहां पहुंची है। अबतक डेढ़ लाख मरीजों को निशुल्क शल्य चिकित्सा और 12 लाख से ज्यादा रोगियों का इलाज करने का दावा किया गया है। 19 राज्यों के 138 जिलों से यह ट्रेन गुजरने वाली है।

हॉस्पीटल ट्रेन

विश्व की पहली और भारत की एकमात्र परियोजना है। परियोजना की प्रोजेक्ट मैनेजर डॉ. जसवीर ने प्रेस को जारी बयान में सेवा के अचानक स्थगित होने की जानकारी दी। बाजपट्टी में 17 मार्च से 5 अप्रैल तक इस हॉस्पीटल ट्रेन के जरिए मरीजों का इलाज किया जाना था। जिसको लेकर चरणबध तरीके से पिछले कई दिनों से जिला प्रशासन व लाइफ लाइन परियोजना के अफसरों द्वारा लगातार जिला व अनुमंडल कार्यालय में बैठकें की जा रही थी। मगर, ऐन वक्त पर सेवा को स्थगित करने का फैसला लिया गया है।

सेवा तत्काल स्थगित

प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि शुक्रवार को ही सरकार के स्तर पर इस सेवा को तत्काल स्थगित करने का आदेश आया। कोरोना वायरस के संभावित संक्रमण के मद्देनजर सीतामढ़ी डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने सेवा को स्थगित कर दिया है। उधर, लाइफलाइन एक्सप्रेस परियोजना के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर देश पांडेय ने बताया की जिला प्रशासन से अनुमति के बाद यह सेवा दोबारा चालू करने के लिए अगले आदेश की प्रतीक्षा की जा रही है।

इलाज से ऑपरेशन तक मुफ्त

दुुनिया की पहली चलित रेल अस्पताल लाइफ लाइन एक्सप्रेस हॉस्पीटल ट्रेन में निशुल्क उपचार की सुविधा मिलनी है। सात सुसज्जित बोगी वाले चलित रेल अस्पताल में दो नवंबर तक विशेषज्ञ डॉक्टर स्तन एवं सर्वाइकल कैंसर, मुंह के कैंसर की जांच एवं उपचार के साथ-साथ प्लास्टिक सर्जरी एवं दांतों के रोगों का भी इलाज करेंगे। इसके साथ ही मोतियाबिंद, कटे-फटे होंठो, हड्डी से संबंधित विकारों, जलने से हुए विकारों से लेकर कान के ऑपरेशन तक की सुविधा मिलेगी।

डॉक्टरों की 40 सदस्यीय टीम

लाइफ लाइन एक्सप्रेस में प्रशिक्षित एवं विशेषज्ञ डॉक्टरों की 40 सदस्यीय टीम मरीजों का उपचार करती है। उपचार के दौरान भर्ती मरीजों और उनके साथ आए एक परिजन को सुबह-शाम का नाश्ता, दोपहर एवं रात्रि के भोजन की व्यवस्था भी निशुल्क की जाती है। इसके अलावा लाइफ लाइन शिविर स्थल पर रियायती दरों पर भोजन एवं नाश्ते की उपलब्धता के लिए कैंटीन की भी व्यवस्था की जाएगी। कैंप स्थल, आवासीय परिसर आदि में शुद्ध पीने का पानी और साफ-सफाई की विशेष व्यवस्था होगी।

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