कोरोना वायरस संकट को देखते हुए सेना ने अपनी सभी भर्ती रैलियां एक माह के लिए टाल दी हैं। साथ ही अपने कार्मिकों से बहुत ही जरूरी होने पर यात्रा करने की सलाह दी है। यह जानकारी शुक्रवार को सेना के सूत्रों ने दी। सूत्रों ने बताया कि इस बीमारी से बचने के लिए सभी संबंधित लोगों को निर्देश जारी कर स्वास्थ्य संबंधी उपायों का पालन करने को कहा गया है। इस दौरान सभी भर्ती रैलियों को एक माह केलिए टालने के साथ कार्मिकों की यात्रा सीमित करने के उपाय किये जा रहे हैं।

महत्वपूर्ण बैठकों के लिए वीडियो कांफ्रेंस जैसी सुविधाओं के इस्तेमाल की सलाह दी गई है। सेना के कमांड मुख्यालय को जरूरत पड़ने पर संक्रमित लोगों की रखने की व्यवस्था करने को कहा गया है। अभी फिलहाल मानेसर में 300, जोधपुर में 1000, जैसलमेर में 1000, झांसी में 1000, बिन्नागुरी में 300 और गया में 300 बेड का बंदोबस्त किया गया है। यही नहीं कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी निर्णय लिया है कि वह सोमवार से केवल अर्जेंट मामलों की ही सुनवाई करेगा।

इधर, सरकार ने तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए N-95 समेत अन्य मास्क और सेनेटाइजर को अनिवार्य वस्तु की श्रेणी में लाने का ऐलान किया है। कोरोना वायरस के चलते इन दोनों उत्पादों की कमी और कालाबाजारी के कारण सरकार ने यह कदम उठाया है। सरकारी आदेश के मुताबिक, अब ये दोनों ही उत्पाद अनिवार्य वस्तु श्रेणी में जून तक रहेंगे। इस कवायद का उद्देश्‍य लोगों को मास्क और सेनेटाइजर वाजिब मूल्य पर उपलब्ध कराना है। इस कदम से इन उत्‍पादों के जमाखोरी और कालाबाजारी पर भी रोक लगेगी।

 

सरकार ने अनिवार्य वस्तु अधिनियम (Essential Commodities Act) के तहत जारी आदेश को अधिसूचित किया है। इसमें मास्क (2 ply and 3 ply surgical masks, N95 masks) और हैंड सैनेटाइजर को 30 जून तक अनिवार्य वस्तु की श्रेणी में रखा गया है। सरकार के इस फैसले से केंद्र के साथ-साथ राज्यों को मास्क और सैनेटाइजर के उत्पादन, गुणवत्ता और वितरण का नियमन कर सकेंगे। साथ ही इन दोनों सामानों की बिक्री और उपलब्धता बाजार में सुचारू होगी। यही नहीं जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकेगी।

 

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