विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को उम्मीद है कि कोरोना वायरस का संकट दो साल से कम समय में खत्म हो सकता है, डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडनोम गेब्रिएसस ने शुक्रवार को कहा कि स्पेनिश फ्लू 1918 में खत्म होने में दो साल लग गए. टेड्रोस एडनोम गेब्रिएसस ने जिनेवा में डब्ल्यूएचओ के मुख्यालय से संवाददाताओं से कहा कि कोरोना वायरस 1818 की महामारी की तुलना में तेजी से नियंत्रित करना संभव है. उन्होंने कहा तब की तुलना में आज दुनिया ग्लोबलाइजेशन और एक दूसरे से अधिक निकटता के कारण नुकसान में है, क्योंकि इसने कोरोना वायरस को दुनियाभर में तेजी से फैलने में मदद की है लेकिन दुनिया को इस वक्त बेहतर तकनीक का फायदा मिला है.
उन्होंने कहा “उपलब्ध साधनों का अधिकतम उपयोग करना और यह उम्मीद करना कि हमारे पास वैक्सीन आ सकती है, मुझे लगता है कि हम इसे 1918 फ्लू की तुलना में कम समय में खत्म कर सकते हैं.” इतिहास में सबसे घातक महामारी स्पैनिश फ्लू ने 50 मिलियन लोगों की जान ली थी और दुनिया भर में लगभग 500 मिलियन संक्रमित हो गए थे. इसमें प्रथम विश्व युद्ध से पांच गुना अधिक लोगों की मौत हुई. वह महामारी तीन लहरों में आई, जिसमें सबसे घातक दूसरी लहर 1918 के उत्तरार्ध में शुरू हुई.
पिछले 24 घंटे में 69,878 नए मामले
दुनियाभर में अब तक कोरोना वायरस से 2 करोड़ 27 लाख से चुके हैं. लगभग 8 लाख लोगों की मौत हो चुकी है. भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 69,878 नए मामले सामने आए और 945 मौतें हुई हैं. देश में COVID19 पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 29,75,702 है, जिसमें 6,97,330 सक्रिय मामले, 22,22,578 लोग रिकवर हुए हैं. देश में कोरोना वायरस से अबतक 55,794 लोगों की मौत हुई है.
Coronavirus महामारी के बाद पहली वैक्सीन लॉन्च करने वाले रूस का कहना है कि वह इस वैक्सीन का अगले हफ्ते से 40000 लोगों पर परीक्षण करेगा. इस वैक्सीन पर बिना पर्याप्त ट्रायल के लॉन्च करने के आरोप लग रहे थे. रूस ने कहा है कि स्पुतनिक-वी वैक्सीन का फेज -3 परीक्षणों में 40,000 लोगों पर ट्रायल होगा. रूस ने 11 अगस्त को फेज -3 परीक्षणों के बिना मास्को के गमलेया संस्थान द्वारा विकसित वैक्सीन को मंजूरी दे दी थी. वैक्सीन ने केवल फेज -1 और फेज -2 मानव परीक्षणों का आयोजन किया था.