सिकंदरपुर मन की जमीन चिह्नित करने की कवायद अंतिम दौर में है। जमीन का सीमांकन कर निर्माण कंपनी को जानकारी देनी है ताकि इस आधार पर वह स्मार्ट सिटी का काम करा सके। मन की मापी कर रहे नगर निगम के अमीन संजय कुमार ने शनिवार को नगर आयुक्त को प्रारंभिक रिपोर्ट दी। इसमें नगर आयुक्त को बताया कि रिविजनल सर्वे में मन की जमीन 115.84 एकड़ है। मापी में 90 एकड़ जमीन सत्यापित की गई जबकि 26 एकड़ जमीन नहीं मिली।
नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय ने अमीन को मन के बचे और अतिक्रमित भाग का अलग-अलग नजरी नक्शा बनाकर रिपोर्ट के साथ देने का निर्देश दिया है। साथ ही नक्शे को डिजिटलाइज्ड करने का भी निर्देश दिया है। इसके लिए नक्शा की प्रत्येक शीट को स्कैन कर डिजिटल स्वरूप में लाया जाएगा ताकि अलग-अलग नक्शे को एकत्रित किया जा सके। इसके लिए नगर निगम के आईटी मैनेजर हरि प्रसाद को जिम्मेवारी सौंपी गई है। अबतक मन का नक्शा कागजी रूप में नगर निगम के रिकॉर्ड में है। कैडेस्ट्रल और रिविजनल दोनों सर्वे के आधार पर अलग-अलग डिजिटल नक्शा बनाया जाएगा। नगर आयुक्त ने शीटवार रिपोर्ट बनाने के लिए अमीन को कहा है।
इसमें अतिक्रमण वाले भाग को लाल रंग से अंकित किया जाएगा। इस आधार पर मन को खाली कराने की कवायद की जाएगी। अमीन ने बताया कि हरपुर लौहरी इलाके में मन की जमीन पर अधिक कब्जा हुआ है। मन क्षेत्र में गोशाला की जमीन के कागजात गोशाला प्रबंधन से मांगे गए थे। प्रबंधन की ओर से अबतक कागजात नहीं दिए गए। इसपर भी कार्रवाई की कवायद शुरू कर दी गई है।
10 एकड़ जमीन रैयतों के नाम दाखिल-खारिज कर दी गई है। किस आधार पर दाखिल-खारिज की गई, इसका लेखा-जोखा भी नहीं मिल रहा है। पैमाइश के आधार पर वर्तमान बचे हुए मन के अलावा अतिक्रमण वाले क्षेत्र का अलग-अलग नजरी नक्शा बनाया जा रहा है जिसकी विस्तृत रिपोर्ट नगर आयुक्त को दी जाएगी। अमीन ने बताया कि कैडेस्ट्रल सर्वे के अनुसार, मन की जमीन 149.29 एकड़ है। इसमें 10.7 एकड़ जमीन रिविजनल सर्वे के समय रैयती हो गई थी।
Source : Hindustan