MUZAFFARPUR : नगर निगम में 3.85 करोड़ के ऑटो टिपर खरीद घोटाले में विशेष निगरानी कोर्ट ने पूर्व मेयर सुरेश कुमार, तत्कालीन नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन, तत्कालीन प्रभारी नगर आयुक्त सह एडीएम डॉ रंगनाथ चौधरी सहित 10 आरोपितों पर संज्ञान लिया है। कोर्ट ने उन्हें नोटिस भेजा है और 13 अक्टूबर को कोर्ट में उपस्थित होने को कहा है। विशेष निगरानी कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक कृष्णदेव साह ने बताया कि अगली तिथि पर आरोपितों की पेशी होगी। अभी सभी आरोपित जमानत पर हैं।
घोटाले की एफआईआर वर्ष 2018 में निगरानी थाने में तत्कालीन निगरानी डीएसपी कामोद प्रसाद ने दर्ज कराई थी। इसमें पूर्व मेयर सुरेश कुमार, तत्कालीन नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन, तत्कालीन प्रभारी नगर आयुक्त सह एडीएम डॉ रंगनाथ चौधरी, कार्यपालक अभियंता बिंदा सिंह, सहायक अभियंता महेंद्र सिंह, नंदकिशोर ओझा, जेई मो.क्यामुद्दीन अंसारी, प्रमोद कुमार सिंह, भरत लाल चौधरी, ऑटो टिपर आपूर्ति करने वाली एजेंसी के मालिक को आरोपित बनाया गया था। निविदा में भाग लेने वाले माड़ीपुर के कंपनी के प्रतिनिधि संजय कुमार गोयनका ने इसमें धांधली की शिकायत निगरानी से की थी। निगरानी जांच के बाद एफआईआर हुई थी।
विशेष निगरानी कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक कृष्णदेव साह ने बताया कि ऑटो टिपर घोटाला में सुप्रीम कोर्ट से नो कोर्सिव स्टेप का आदेश जारी हुआ था। इसके बाद कोरोना काल में कोर्ट में दो साल तक कार्रवाई बाधित रही। कोरोना के बाद कोर्ट वैकेंट हो गया था। सुप्रीम कोर्ट से आरोपितों को जमानत मिल गई है। इसके बाद नो कोर्सिव स्टेप का आदेश खत्म हो गया है। कोर्ट ने मामले में कार्रवाई शुरू करते हुए आरोपितों पर संज्ञान लिया है। मामले में अगली तिथि पर आरोपितों की पेशी होगी। इसमें आरोपितों को पुलिस पेपर प्राप्त कराया जाएगा, जिसके बाद मामले में ट्रायल के बिंदू पर सुनवाई शुरू की जाएगी।
वर्ष 2017 में पूर्व मेयर सुरेश कुमार की अध्यक्षता में हुई निगम की सशक्त स्थायी समिति की बैठक में 50 ऑटो टिपर खरीद का निर्णय हुआ था। आरोप है कि इसमें अधिक कीमत लगाने वाली एजेंसी का टेंडर स्वीकृत किया गया। कम कीमत लगाने वाली एजेंसी ने इसकी शिकायत निगरानी से की थी। जांच में पाया गया था कि नगर आयुक्त को 3.5 करोड़ के टेंडर निष्पादन का अधिकार है,जबकि 3.85 करोड़ से अधिक के ऑटो टिपर खरीद का टेंडर का निष्पादित किया गया।
Source : Hindustan