पटना. कल तक बिहार PPE kit यानि Personal Protective Equipment की कमियों से जूझ रहा था और अस्पतालों में लगातार डॉक्टर से लेकर नर्स और पारा मेडिकल स्टाफPPE kit की मांग कर रहे थे, लेकिन अब स्थिति कुछ अलग है और ये अब मुश्किल खड़ी कर रहे हैं. दरअसल बढ़ते तापमान (Rising temperature) के बाद अब अस्पताल में ड्यूटी कर रहे डॉक्टरों और नर्सों को पीपीई किट परेशान करने लगा है और स्वास्थ्यकर्मी (Health worker) बीमार भी होने लगे हैं. दरअसल किट पहनने के बाद सर से लेकर पांव तक ड्यूटी के दौरान ढंका रहता है जिससे कि बाहरी हवा शरीर मे जरा भी प्रवेश नहीं कर पाता है. आलम यह है कि 4 से 6 घंटे ड्यूटी करनेवालों को डिहाइड्रेशन की वजह से चक्कर तक आने लगता है.

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PPE kit के साइड इफेक्ट

कोरोना के इलाज में खासकर आइसोलेशन वार्ड या फ्लू वार्ड में डॉक्टरों को हमेशा पीपीई किट पहनना पड़ता है ताकि वायरस का संक्रमण नहीं हो. पीएमसीएच के डॉक्टर सुभाष शर्मा, चंद्रभूषण सिंह बताते हैं कि जान बचाने के लिए भले ही किट पहनते हैं, लेकिन अब इससे साइड इफेक्ट लगातार हो रहा है. हमलोगों को यह किट ना सिर्फ उबाऊ लग रहा है बल्कि डीहाइड्रेशन के साथ स्किन इंफेक्शन की समस्या भी होने लगी है.

मुश्किलों से जूझते स्वास्थ्यकर्मी

पीएमसीएच के चिकित्सकों और नर्सों ने न्यूज 18 से बातचीत में बताया कि जरूरत है गर्मी को देखते हुए और बेहतर क्वालिटी की पीपीई किट की आपूर्ति की जाए. हालांकि वे ये भी कहते हैं कि पीएमसीएच में अभी सबसे बेहतर क्वालिटी के किट उपलब्ध करवाए जा रहे हैं.

वहीं पीएमसीएच के नोडल ऑफिसर पीएन झा की मानें तो कई डॉक्टरों को लंबी ड्यूटी करनी पड़ती है तो किट पहनने की वजह से उन्हें टॉयलेट तक काफी देर रोकना पड़ रहा है इसीलिए डिमांड पर कई डॉक्टर डाइपर का भी प्रयोग कर रहे हैं ताकि किट उतारने की जरूरत नहीं पड़े.

बढ़ते तापमान से हो रही मुश्किल

उन्होंने कहा कि खतरनाक वायरस से बचाव करने का सबसे बड़ा स्वास्थ्यकर्मियों के लिए यह किट जरिया है, लेकिन इससे अब नुकसान पहुंच रहा है और इसे पहनने के बाद बिना एसी के कोई भी नहीं रह पा रहा है. आगे और समस्या बढ़नेवाली है क्योंकि तापमान में और इजाफा होनेवाला है.

स्वास्थ्य मंत्री ने कही ये बात

वहीं बिहार के स्वास्थ्य मंत्री की माने तो उन्होंने भी कहा कि किट पहनकर ड्यूटी करना आसान काम नहीं है और स्वास्थ्यकर्मी दोहरी चुनौती का सामना कर रहे हैं. ऐसे राज्य सरकार के पास अब पीपीई किट की कोई कमी नहीं है क्योंकि स्टॉक में फिलहाल डेढ़ लाख से ज्यादा किट उपलब्ध है. बहरहाल अब हालत ये है कि अचानक पीपीई किट की डिमांड घटने लगी है और कहीं से भी किट की कमी को लेकर शिकायतें नहीं आ रही हैं.

Input : News18

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