मुजफ्फरपुर । COVID-19 से संक्रमित मरीज की जानकारी छुपाने के आरोप में राज्य के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार के विरुद्ध परिवाद दाखिल किया गया है। यह परिवाद सुधीर कुमार ओझा ने अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (पश्चिमी) सह सबजज प्रथम के कोर्ट में सोमवार को दाखिल किया है। इसमें पटना एम्स के निदेशक डॉ.प्रभात कुमार सिंह व अधीक्षक डॉ.सीएम सिंह को भी आरोपित बनाया गया है। इन सभी पर बीमारी को लेकर संक्रमित मरीज के प्रति लापरवाही बरतने का भी आरोप लगाया गया है। कोर्ट ने परिवाद की सुनवाई के लिए एक अप्रैल की तारीख मुकर्रर की है।
परिवाद में यह आरोप लगाया
परिवाद में अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने कहा है कि मुंगेर के एक कोरोना वायरस से संक्रमित का पहले मुंगेर के निजी अस्पताल में इलाज चला। वहां से रेफर किए जाने पर पटना एम्स में उसे भर्ती कराया गया। जहां उसकी मौत हो गई। मौत के बाद आई जांच रिपोर्ट में उसके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की बात सामने आई।
अनदेखी का भी आरोप
मौत के बाद उसके शव को बिना बताए उसके परिवार वाले को सौंप दिया गया। इसको लेकर किसी बात का ख्याल नहीं किया गया। उसके परिवार वाले को भी इस संबंध में जानकारी नहीं दी गई। आरोपितों ने भारी लापरवाही बरती और इस बीमारी को छुपाने का प्रयास किया। आरोपित पहले से दावा कर रहे थे कि राज्य मे एक भी कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं है। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार उन्हें निर्देश दे रहे थे। समाचार चैनलों पर आरोपितों की लापरवाही से संबंधित खबरों को देख कर लोगों में भय व्याप्त है।
Input : Dainik Jagran