बदमाशों पर कानून का सख्ती बढ़ने के बाद अब अपराधियों ने भी अपने तरीके बदल लिए हैं। पहले बदमाश हथियार के बल पर डरा-धमकाकर लूट और डकैती की घटना को अंजाम देते थे लेकिन अब वे हाईटेक हो गए हैं। अपराधी नई-नई तकनीक का उपयोग करके लोगों के बैंक खातों से आसानी से पैसे उड़ा रहे हैं। इस तरीके से वे जल्द पुलिस की पकड़ में भी नहीं आ रहे। जब तक लोगों को उनके खातों से पैसे निकलने की जानकारी मिलती है, तब तक काफी देर हो चुकी होती है। दरअसल अब अपराधी फेसबुक से फोटो निकालकर उसका डीपफेक वीडियो बनाकर लोगों से पैसे ऐंठ रहे हैं।
इसके अलावा साइबर अपराधियों द्वारा मोबाइल की डीपी में वर्दी वाला फोटो लगाकर भी ठगी की जा रही है। हाल के दिनों में जिला पशुपालन पदाधिकारी, जमीन कारोबारी और दो गृहणियों समेत 7 लोगों से करीब आठ लाख बीस हजार रुपये की ठगी की गई है। फिलहाल पुलिस और साइबर थाना की टीम एक भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। साइबर अपराधियों ने जिला पशुपालन पदाधिकारी से बेटे को रेप केस से बचाने के नाम पर फर्जी पुलिसकर्मी बनकर ढाई लाख रुपये ठग लिए।
डीपफेक एक एडिटेड वीडियो होता है। जिसमें साइबर अपराधी एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से किसी का भी चेहरा बदल सकते हैं और वीडियो को वायरल कर देते हैं।
इस तरह से बरते सावधानी-
पुलिस या कोई भी एजेंसी का अफसर वीडियो कॉल पर बात नहीं करता है।
पुलिस या एजेंसी के नाम पर कोई कॉल आए तो समझ जाएं कि यह फर्जीवाड़ा है।
संबंधित व्यक्ति को ऑनलाइन खाते में या नंबर पर रकम का लेनदेन नहीं करें।
पैसे के लिए कोई कॉल आती है तो पुलिस से संपर्क करें।
साइबर क्राइम की शिकायत नंबर 1930 पर कॉल करें।
साइबर अपराधियों से बचने के लिए सतर्कता और जागरूकता फैलाएं।