रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बेंगलुरु में एचएएल एयरपोर्ट पर भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस से उड़ान भरी। राजनाथ आधे घंटे तक विमान में ही रहे। इस दौरान उनके साथ इसके प्रॉजेक्ट डायरेक्टर वाइस एयर मार्शल एन तिवारी मौजूद रहे। राजनाथ सिंह इस विमान में उड़ान भरने वाले पहले रक्षा मंत्री हैं। रक्षा मंत्री की यह उड़ान इसीलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस विमान का निर्माण स्वदेश में ही एचएएल द्वारा किया जा रहा है। इससे पहले बीते शुक्रवार को ही तेजस ने अपनी ताकत का लोहा मनवाया था। इस लड़ाकू विमान के नौसेना संस्करण की सफल अरेस्ट लैंडिंग करवाई गई थी।

ये है तेजस की विशेषता

तेजस की तकनीकि विशेषताओं पर गौर किया जाए तो पता चलता है कि तेजस एक लाइट कांबैट एयरक्राफ्ट है। इसकी सर्वाधिक स्पीड 1.6 मैक है। 2000 किमी की रेंज को कवर करने वाले तेजस का अधिकतम थ्रस्ट 9163 केजीएफ है। इसमें ग्लास कॉकपिट, हैलमेट माउंटेड डिस्प्ले, मल्टी मोड रडार, कंपोजिट स्ट्रक्चर और फ्लाई बाई वायर डिजिटल सिस्टम जैसे आधुनिक फीचर मौजूद हैं। इस जेट पर दो आर-73 एयर-टू-एयर मिसाइल, दो 1000 एलबीएस क्षमता के बम, एक लेजर डेजिग्नेशन पोड और दो ड्रॉप टैंक्स तैनात रहती है।

वायुसेना और नौसेना में किया जाएगा इस्तेमाल

तेजस का इस्तेमाल नौसेना और वायुसेना दोनों सेनाओं में किया जाएगा। भारतीय वायुसेना में पुराने होते जा रहे मिग-21 फाइटर की जगह लेने के लिए इसका निर्माण किया गया है। यह एलसीए प्रोग्राम के तहत किया जा रहा है। यह प्रोग्राम वषर्ष 1980 में शुरूकिया गया था।

नौसेना की तीन परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे

रक्षा मंत्री 28 सितंबर को नौसेना के लिए तीन परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे। वे मुंबई में स्कॉर्पियन क्लास की दूसरी पनडुब्बी आइएनएस खंडेरी को नौसेना में कमीशन करेंगे। यह पनडुब्बी स्टेल्थ और एयर इंडिपेंडेंट प्रॉपल्शन समेत कई तरह की तकनीकों से लैस है। दुश्मनों के लिए इसका पता लगाना आसान नहीं होगा। यह टॉरपीडो और ट्यूब लांच एंटी-शिप मिसाइल से हमला करने में सक्षम है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह होगी कि यह किसी भी रडार की पकड़ में नहीं आएगी। इसके अलावा पी-17ए सीरीज का पहला युद्धपोत आइएनएस नीलगिरि को लांच किया जाएगा।

 

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