रालोजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल ने बिहार सरकार से पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई के लिए आवश्यक क़दम उठाने का अनुरोध किया है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि आनंद मोहन चौदह वर्ष से भी अधिक की सजा काट चुके हैं। लिहाजा, उनकी रिहाई की पहल होनी चाहिए।
रालोजपा प्रवक्ता ने आगे कहा कि आनंद मोहन स्वतंत्रता सेनानी परिवार से आते हैं और लोकप्रिय राजनेता हैं। अब तो उन्हें न्याय मिलना चाहिए। बिहार में राजद के आतंक और जंगलराज से मुक्त कराने के लिए हमारी पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान के साथ आनंद मोहन ने काफ़ी संघर्ष किया था। जंगलराज से मुक्ति में उनका योगदान अविस्मरणीय है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आनंद मोहन की रिहाई के लिए पहले करें।
गौरतलब है कि आनंद मोहन पर गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्ण भैया की हत्या का आरोप है। वर्ष 1994 में मुजफ्फरपुर के खबरा गांव के पास NH 28 पर भीड़ ने पीट-पीटकर डीएमजी कृष्णय्या की हत्या कर दी थी। मुजफ्फरपुर के नेता और विधायक का चुनाव लड़ रहे छोटन शुक्ला की 1994 में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। इसके विरोध में काफी हंगामा हुआ।
छोटन शुक्ला की शव यात्रा में काफी भीड़ थी जिसमें आनंद मोहन भी शामिल थे। उसी भीड़ में डीएम की हत्या कर दी गई थी। डीएम की हत्या में आनंद मोहन को आरोपी बनाया गया था, जिस मामले में मुजफ्फरपुर की अदालत ने 2007 में उन्हें फांसी की सजा सुनाई थी। लेकिन 2008 में पटना हाईकोर्ट ने फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया। इसके खिलाफ आनंद मोहन सुप्रीम कोर्ट गए। 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट पटना के फैसले को बरकरार रखा तब से आनंद मोहन जेल में हैं।
Source : Hindustan