बिहार में इस साल की भीषण गर्मी ने बिजली खपत की गणना में गड़बड़ी कर दी है। पिछले साल की तुलना में, अप्रैल महीने में 500 मेगावाट से अधिक बिजली की अधिकतम खपत हो रही है। पीक आवर की समय भी बढ़ गया है, अब रात के बदले देर रात तक बिजली की खपत बढ़ गई है।

कंपनी अधिकारियों के अनुसार, हर रोज औसतन 6700-6800 मेगावाट बिजली की खपत हो रही है। पहले पीक आवर शाम 7 बजे से रात 11 बजे तक था, लेकिन अब इस अवधि में अधिक बिजली खपत हो रही है। गर्मियों के कारण पीक आवर की अवधि बढ़ गई है, अब रात 8 बजे से पीक आवर की शुरुआत हो रही है। रात 10 बजे के बाद, बिजली की खपत अचानक से बढ़ जाती है।

हर रोज, रात के 8 बजे से 2 बजे के बीच, 6600 मेगावाट से 6800 मेगावाट के बीच बिजली की खपत हो रही है। यद्यपि, केन्द्रीय सेक्टर से बिहार को आवश्यकतानुसार बिजली प्राप्त हो रही है, लेकिन कंपनी अगर एक-दो यूनिट बंद रहती है तो बाजार से बिजली की खरीदारी कर रही है।

इस साल की गर्मी के कारण, बिहार में रिकॉर्ड बिजली खपत हो चुकी है। बीते 16 अप्रैल को ही, 6830 मेगावाट की खपत हुई है, जो रात के 7.30 बजे से 9 बजे के बीच थी। पिछले साल अप्रैल में मात्र 6400 मेगावाट बिजली की खपत हुई थी। इस अवधि में बिजली की खपत का आंकड़ा आठ हजार मेगावाट पार होने की संभावना है।

अधिक गर्मी के कारण, रात के अलावा दिन में भी बिजली की खपत हो रही है। पिछले वर्षों में, अधिकतम बिजली खपत रात को होती रही है, लेकिन अब राज्य में दिन में भी 5500 मेगावाट से अधिक बिजली की खपत हो रही है। केवल पटना के शहरी क्षेत्र में दिन में 600 मेगावाट बिजली की खपत हो रही है, जो रात में 677 मेगावाट तक पहुंच जाती है।

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इस रिकॉर्ड बिजली खपत के संदर्भ में, कंपनी के अधिकारी बता रहे हैं कि राज्य में बिजली की पर्याप्त आपूर्ति हो रही है, लेकिन इस गर्मी के मौसम में अगर एक-दो यूनिट बंद रहती है तो वे बाजार से बिजली खरीद रहे हैं।

इस साल के अधिक गर्मी के कारण, राज्य में बिजली की खपत का रिकॉर्ड आठ हजार मेगावाट से अधिक का होने की संभावना है। इस बार बिहार में बिजली की खपत का आंकड़ा भी पिछले साल की तुलना में अधिक होने की संभावना है।

Input : Hindustan

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