शहर के उमाशंकर प्रसाद लेन स्थित प्रसिद्ध राज राजेश्वरी देवी मंदिर उत्तर बिहार के प्रमुख शक्तिपीठों में गिना जाता हैं इस मंदिर में सालों भर भक्तों का तांता लगा रहता हैं।
शहर का शायद ही ऐसा कोई व्यापारी हो जो बिना इनके दर्शन किये दुकान खोलता हो ऐसी मान्यता है की इस मंदिर में स्थापित माता षोडशी हर व्यक्ति की मुरादें पूरी करती हैं नवरात्र के अवसर पर इस मंदिर में लाखों लोगो की भीड़ उमड़ती हैं।
नवरात्र में सुबह एवं शाम में माता की भव्य आरती होती है जिसे देखने के लिए श्रद्धालु उमड़ पड़ते है नवरात्र पर्यंत तो यहाँ कदम रखने की भी जगह नहीं होती हैं हर साल यहाँ श्रद्धालुओ की भीड़ बढती जा रही है।
मंदिर की स्थापना उमाशंकर प्रसाद उर्फ बच्चा बाबू ने मनाेकामना पूर्ण हाेने के बाद 28 जून 1941 को आषाढ़ शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को की थी। नवरात्र के दाैरान यहां सैकड़ाें श्रद्धालु परिसर में बैठकर दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं। मंदिर के प्रधान पुजारी पं. अमित तिवारी कहते हैं कि मां के सामने सच्चे मन से जाे भी मुराद मांगी जाती है वह अवश्य पूरी हाेती है।