भारतीय क्रिकेट टीम में दो वरिष्ठ खिलाड़ियों की लड़ाई अब चरम पर पहुंच गई है। इन दोनों के खेमे अब एक-दूसरे के खिलाफ खबरें लीक करने में जुट गए हैं। हालांकि, इससे टीम इंडिया का ही नुकसान हो रहा है। दैनिक जागरण ने ही सबसे पहले बताया था कि विश्व कप की 15 सदस्यीय टीम के चयन और उसके बाद अंतिम एकादश के चयन को लेकर टीम में मतभेद थे। अब ये मतभेद चरम पर पहुंच गए हैं और हालत यह है कि टीम के दो वरिष्ठ खिलाड़ियों से जुड़ी मैनेजमेंट एजेंसी और बीसीसीआइ में इनके गुट के लोग एक-दूसरे के खिलाफ खबरें लीक करने में जुट गए हैं।
एक दिन पहले ही यह खबर आई थी कि प्रशासकों की समिति (सीओए) ने कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री से पत्नी और प्रेमिकाओं की यात्राओं का ब्यौरा मांगा, तो अब खबर आई कि एक वरिष्ठ बल्लेबाज ने विश्व कप के दौरान 15 दिन से ज्यादा पत्नी को साथ में रहने की इजाजत मांगी थी, लेकिन सीओए ने इसे सिरे से खारिज कर दिया था।
कोच और कप्तान से इजाजत लिए बिना अपनी पत्नी को साथ रखा
सीओए ने खिलाड़ियों को विश्व कप में पत्नियों और गर्लफ्रेंड को साथ में रखने के लिए सिर्फ 15 दिन की इजाजत दी थी, लेकिन एक सीनियर खिलाड़ी ने कोच और कप्तान से इजाजत लिए बिना अपनी पत्नी को विश्व कप की शुरुआत से भारतीय टीम के सेमीफाइनल में बाहर होने तक साथ में रखा। इन दोनों खिलाडि़यों का प्रबंधन अलग-अलग मैनेजमेंट कंपनियां करती हैं और उनकी तरफ से भी एक-दूसरे के खिलाफ जाने वाली खबरों को लीक किया जा रहा है, जिससे एक-दूसरे की छवि को धूमिल किया जा सके। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पदाधिकारी ने कहा कि अगर ऐसा हो रहा है तो यह टीम के लिए अच्छा नहीं है। सीनियर खिलाडि़यों को आपस में बैठकर विवाद को निपटा लेना चाहिए।
विश्व कप में परिवार के साथ में रुकने का सीनियर खिलाड़ी का निवेदन
वहीं प्रेट्र की खबर के मुताबिक टीम इंडिया के एक सीनियर खिलाड़ी ने निवेदन किया था कि उसके पत्नी और बच्ची को विश्व कप के दौरान सात सप्ताह तक साथ में रुकने दिया जाए। सीओए की बैठक में इस पर चर्चा भी हुई थी, लेकिन उस खिलाड़ी को इसकी इजाजत नहीं दी गई थी।
खिलाड़ियों के परिवार के रुकने को लेकर नियम बनाए गए थे
सीओए की 21 मई को हुई बैठक में विश्व कप में भाग लेने वाली टीम के खिलाड़ियों के परिवार के रुकने को लेकर नियम बनाए गए थे। उस मीटिंग के मिनट्स के अनुसार सिर्फ 15 दिन तक ही परिवार को खिलाडि़यों के साथ रुकने की अनुमति दी गई थी।
तय समय से ज्यादा रहने पर लेनी थी इजाजत
इसके साथ ही यह तय किया गया था कि अगर इस समय से ज्यादा कोई रहता है तो उसके लिए बीसीसीआइ प्रबंधन या फिर कोच और कप्तान से इजाजत लेनी होगी। मिनट्स में लिखा गया है कि इस तरह के मामलों को बीसीसीआइ प्रबंधन ही देखता है। इसके साथ ही बीसीसीआइ के संविधान में क्रिकेट और गैर क्रिकेट मामलों को अलग-अलग देखने की जरूरत भी बताई गई थी।
खिलाड़ी सवालों के घेरे में
बीसीसीआइ के एक अधिकारी ने कहा कि हां, वही खिलाड़ी सवालों के घेरे में है जिसके निवेदन को तीन मई को हुई बैठक में ठुकरा दिया गया था। उन्होंने विश्व कप में 15 दिन के नियम को तोड़ा है। अब सवाल यह उठता है कि क्या उन्होंने पत्नी की समय सीमा बढ़ाने पर कोच या कप्तान से इजाजत ली थी? जवाब है नहीं। इस मामले की रिपोर्ट अभी सीओए के पास जानी बाकी है।
टीम मैनेजर ने मामले को नहीं सुलझाया
सवाल यह भी उठता है कि टीम मैनेजर सुनील सुब्रमण्यम ने इस मामले को नहीं सुलझाया, जबकि यह उनके कार्य के अंतर्गत आता है। अधिकारी ने कहा कि सुनील क्या कर रहे थे? उनका कार्य टीम के ट्रेनिंग सत्र को देखना नहीं है। इसके लिए कोच कप्तान और दूसरे सहायक स्टाफ मौजूद हैं। उम्मीद है कि सीओए इस मामले को ध्यान में रखेगा और मैनेजर से रिपोर्ट मांगेगा।
Input : Dainik Jagran