मुजफ्फरपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों को गति देने के लिए डीएम सुब्रत कुमार सेन और एसएसपी राकेश कुमार ने औराई, कटरा, और गायघाट का दौरा किया। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों के लिए चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी की और अधिकारियों व कर्मचारियों को पूरी संवेदनशीलता और तत्परता से काम करने का निर्देश दिया।
बच्चों की देखभाल को प्राथमिकता देते हुए डीएम ने राहत शिविरों में उनके लिए भोजन, स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा की समुचित व्यवस्था की है। आईसीडीएस के माध्यम से बच्चों को दूध और फल उपलब्ध कराए जा रहे हैं। साथ ही बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के लिए शिविरों में अनुकूल और सुरक्षित वातावरण भी सुनिश्चित किया गया है।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें पूरी मुस्तैदी से राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं, विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों के लिए। जिलाधिकारी ने कई सामुदायिक किचन केंद्रों का निरीक्षण किया, जहां 63 सामुदायिक रसोई केंद्रों पर 47,408 लोगों ने भोजन किया। इन केंद्रों पर दोनों समय भरपेट और निःशुल्क भोजन की व्यवस्था की गई है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कुल 64 नावें और एक एंबुलेंस बोट भी सक्रिय हैं, और आवश्यकता पड़ने पर इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी। अब तक 7,972 पॉलिथीन शीट्स का वितरण किया जा चुका है, ताकि बाढ़ पीड़ितों को तत्काल राहत मिल सके।
मेडिकल कैंपों की भी विशेष व्यवस्था की गई है, जहां डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी मौजूद हैं। जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन को मेडिकल कैंपों की नियमित मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया है। पशुओं के लिए भी चिकित्सा और दवा की व्यवस्था की गई है।
साफ-सफाई और स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था को प्राथमिकता देते हुए प्रभावित क्षेत्रों में 94 शौचालय, 32 हैंडपंप और 4 जलापूर्ति टैंकर लगाए गए हैं। साथ ही, बाढ़ के पानी के घटते ही ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करने का निर्देश दिया गया है।
डीएम ने सभी अधिकारियों को अपने-अपने मुख्यालय में बने रहने और अपनी जिम्मेदारी को पूरी तत्परता से निभाने का निर्देश दिया है। उन्होंने लोगों से अपील की कि आपदा की इस घड़ी में प्रशासन का सहयोग करें और व्यवस्था बनाए रखें।