फाइलेरिया उन्मूलन के लिए चलाए जाने वाले सर्वजन दवा सेवन के तहत आइडीए अभियान की शुरुआत शुक्रवार को समाहरणालय सभागार से हुई। जिला प्रशासन, जिला स्वास्थ्य समिति और सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के सहयोग से आयोजित शुभारंभ कार्यक्रम सह मीडिया कार्यशाला के दौरान जिलाधिकारी प्रणव कुमार एवं उप विकास आयुक्त आशुतोष द्विवेदी ने फाइलेरिया रोधी दवा की खुराक खाकर इसे सुरक्षित बताया।

शुभारंभ सह मीडिया कार्यशाला के दौरान जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने कहा कि आशा दीदी के द्वारा यह फाइलेरिया रोधी दवा लोगों के घर -घर जाकर खिलाई जाएगी। दवा खाने पर कुछ प्रतिकूल प्रभाव भी हो सकते हैं। हालांकि यह तात्कालिक हैं। इसके निवारण के लिए प्रत्येक प्रखंड स्तर पर रैपिड रिस्पांस टीम की तैनाती की गयी है, जिनका नंबर प्रत्येक ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर के पास मौजूद है। इस बीमारी के उन्मूलन के लिए व्यापक दृष्टिकोण अपनाते हुए हर आयाम पर पूरी तैयारी की गयी है। कार्यशाला के दौरान केयर के डीपीओ सोमनाथ ओझा ने पीपीटी के माध्यम से बताया कि फाइलेरिया से बिहार के सभी जिले प्रभावित है। जिसमें मुजफ्फरपुर भी शामिल है। पीपीटी में दवा की डोज, दवा कैसे खिलानी है, दवा खिलाने के बाद दवा का प्रतिकूल प्रभाव और जिले के माइक्रो प्लान के बारे में विस्तार से बताया गया।

14 दिनों में 58 लाख लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य-

शुभारंभ सह मीडिया कार्यशाला के दौरान जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार ने कहा कि जिले के ग्रामीण क्षेत्र में लाभुकों की संख्या लगभग 53 लाख व शहरी क्षेत्रों में करीब चार लाख 47 हजार लाभुक हैं। दवा खिलाने के लिए कुल 2493 टीम लगाए गए हैं। वहीं उनके मॉनिटरिंग के लिए कुल 242 सुपरवाइजर मौजूद है। कुल 14 दिनों के इस अभियान में 12 दिन दवा खिलाई जाएगी। वहीं सातवें और 14 वें दिन छूटे हुए लोगों को दवा की खुराक खिलाई जाएगी। सभी ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर को यह सख्त आदेश दिया गया है कि किसी भी कीमत पर दवा को बांटा नहीं जाएगा बल्कि इसे सामने ही लोगों को खिलाया जाएगा। दवा कभी भी खाली पेट में नहीं खिलाई जाएगी। इसके अलावा गंभीर रोगी, दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं को यह दवा नहीं खिलाई जाएगी।


डोज पोल के मुताबिक दवा:

डॉ सतीश ने कहा कि इस अभियान में लोगों को तीन दवा आइवरमेक्टिन, डीईसी और एल्बेंडाजोल की गोली दी जाएगी। जिसमें आइवरमेक्टिन की गोली को पांच वर्ष और 90 सेमी से ऊपर के लोगों को ही खिलाई जाएगी। वहीं डीईसी की गोली उम्र के अनुसार दी जाएगी, एल्बेंडाजोल की एक ही गोली लोगों को मिलेगी, जिसे उन्हें चबाकर खाना होगा।

दवा खाने पर चक्कर या उल्टी मतलब माइक्रो फाइलेरिया की शरीर में उपस्थिति:

कार्यशाला के दौरान डॉ सतीश कुमार ने कहा कि फाइलेरिया रोधी खुराक के शरीर में जाने पर माइक्रोफाइलेरिया नष्ट होने लगते हैं। जिससे शरीर में कुछ अवांछनीय प्रभाव हो सकते हैं, जिसमें उल्टी, चक्कर, सिर दर्द जैसे लक्षण हो सकते हैं। पर इससे घबराने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। यह स्वयं एक दो घंटे में खत्म हो जाता है।

फाइलेरिया को उपेक्षित रोगों की श्रेणी से किया गया बाहर:

कार्यशाला के दौरान डॉ सतीश कुमार ने कहा कि कहा कि फाइलेरिया को अब उपेक्षित श्रेणी के रोग से बाहर किया जा चुका है। वहीं इसके उन्मूलन के वर्ष को भी 2030 से घटाकर 2027 कर दिया गया है। अब वर्ष में एक बार यह कार्यक्रम 10 फरवरी और 10 अगस्त को चलेगी।

शुभारंभ सह कार्यशाला के दौरान जिलाधिकारी प्रणव कुमार, उप विकास आयुक्त आशुतोष द्विवेदी, सिविल सर्जन डॉ यू सी शर्मा, डीपीएम, जिला सूचना एवं संपर्क पदाधिकारी दिनेश कुमार, केयर डीटीएल मुकेश कुमार सिंह, सोमनाथ ओझा, इफ्तिखार अहमद खान, दूरदर्शन संवाददाता संतोष कुमार ,विशाल कुमार, संदीप कुमार, पिसीआई से अमित कुमार, सीफार से नीतू कुमारी, अमित कुमार सिंह समेत अन्य लोग मौजूद थे।

nps-builders

Genius-Classes

Passionate and seasoned News Editor with a keen eye for impactful stories and a commitment to journalistic excellence. Over 3 years of experience in the dynamic field of news editing, ensuring accuracy,...

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *