राज्य में डीएनए लैब की नई यूनिट लगाने काम जल्द मूर्त रूप ले सकता है। डीएनए के तीन नए लैब लगाने के सीआईडी के प्रस्ताव को राज्य सरकार ने मंजूरी के लिए गृह मंत्रालय को भेज दिया है। गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजने का कारण यह है कि नए लैब निर्भया फंड से लगाए जाने हैं। जल्द ही मंत्रालय की मंजूरी मिलने की उम्मीद है। तीन डीएनए लैब लगाने पर 21 करोड़ रुपए के आसपास का खर्च आएगा। एक लैब पर 7 करोड़ रुपए खर्च होते हैं। यह खर्च मशीन और उससे जुड़े आधारभूत संरचना का है। वैज्ञानिक और स्टाफ की बहाली और वेतन का खर्च इसके अतिरिक्त होगा। फिलहाल यह तय नहीं है कि तीन नए लैब कहां स्थापित किए जाएंगे। बताया जाता है कि एक लैब पटना और बाकी दो भागलपुर और मुजफ्फरपुर में लगाए जा सकते हैं। दिल्ली के चर्चित निर्भया बलात्कार कांड के बाद साल 2013 में केन्द्र सरकार ने निर्भया फंड बनाने की घोषणा की थी। इसका मकसद महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होनेवाले यौन अपराधों को रोकना है।
चार सौ जांच सालाना हो सकेगी फिलहाल बिहार में डीएनए जांच के लिए पटना स्थित फोरेंसिक लैब में एक यूनिट है। इसमें प्रत्येक वर्ष एक सौ के करीब डीएनए की जांच होती है। चार यूनिटें लगने के बाद यह संख्या चार से पांच सौ के बीच हो जाएगी।
बिहार में डीएनए जांच के लिए चार लैब होंगी
अभी बिहार में डीएनए जांच की सिर्फ एक यूनिट पटना में है स्थापित
डीएनए जांच की प्रक्रिया बेहद जटिल है। डीएनए जांच के लिए दो नमूने भेजे जाते हैं। पहले उसका सैंपलिंग किया जाता है। इसके बाद दोनों सैंपल के कोशिका के अंदर से डीएनए लिया जाता है। इसके बाद डीएनए को मैच कराने की प्रक्रिया प्रारंभ होती है। आखिर में यह तय होता है कि दोनों नमूनों के डीएनए मैच हुए या नहीं।
Input : Hindustan