शरीर के किसी हिस्से में अगर दर्द शुरू होता है तो उसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। दर्द अक्सर किसी भी व्यक्ति को जोड़ों से शुरू होता है। इसमें युवाओं के दर्द का सबसे बड़ा कारण सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस होता है। ससमय इलाज नहीं कराने से यह दर्द धीरे-धीरे परेशानी का कारण बन जाता है। उक्त बातें CME(Continuing medical education) में पैथोलॉजी विभाग के डॉ. विवेक कुमार ने बताईं।डॉ. कुमार ने बताया कि दर्द चार प्रकार के होते हैं। इनमें फिजियोलॉजिकल, न्यूरोपैथिक, इनफ्लेमेटरी एवं डिसफंक्शन पेन होता है।

फिजियोलॉजिकल दर्द चोट लगने या किसी बाहरी परेशानी से होता है। न्यूरोपैथिक का दर्द नसों में होता है। इनफ्लेमेटरी में कमर एवं घुटने का दर्द होता है। जबकि डिसफंक्शनल का दर्द शरीर के किसी भी भाग में अचानक बहुत तेज होता है। इस दर्द का चिकित्सक समुचित कारण का पता लगा इलाज करना जरूरी होता है। ऐसा नहीं करने पर मरीजों की परेशानी बढ़ सकती है। उन्हें दर्द से राहत नहीं मिलेगी।

सीएमई कार्यक्रम में डॉ. विनोद कुमार, डॉ. मनोज कुमार, डॉ. नीरा कुमारी, डॉ. दीपक कुमार, डॉ. एसके पाठक, डॉ. शंकर दयाल सिंह, डॉ. महेश प्रसाद, डॉ. दिनेश साह, डॉ. कमल शर्मा, डॉ. रामउग्र प्रसाद, डॉ. तृप्ति सिंह समेत दर्जनों चिकित्सक ने भाग लिया।

Input : Dainik Jagran

 

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