गरीब तबके के लोगों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए राशन कार्ड दिए जाते हैं. देशभर के कई इलाकों से अक्सर राशन कार्ड के दुरुपयोग की खबरें सामने आती रहती हैं. बिहार भी इससे अछूता नहीं है. प्रदेश के गोपालगंज जिले में भी बड़ी संख्या में अयोग्य व्यक्ति राशन कार्ड के जरिये सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं. छानबीन में पता चलने के बाद सरकार और प्रशासन के स्तर पर कार्रवाई शुरू की गई तो अयोग्य लाभार्थियों द्वारा राशन कार्ड सरेंडर करने का सिलसिला शुरू हो गया. गोपालगंज जिले में डॉक्टर्स, टीचर, बिजनेसमैन के साथ ही अन्य अयोग्य लोगों द्वारा राशन कार्ड का लाभ उठाने का पता चला है. अब अयोग्य लाभार्थियों द्वारा राशन कार्ड जमा कराने का सिलसिला शुरू हो गया है.
गोपालगंज में फर्जी राशन कार्डधारियों के बीच हड़कंप मचा हुआ है. हर रोज सैकड़ों कार्डधारी राशन कार्ड वापस कर रहे हैं. जिले में करीब 3 लाख 60 हजार राशन कार्डधारी हैं. प्रशासन के पास इस बात की जानकारी है कि इनमें बहुत से लोग राशन कार्ड का लाभ उठाने के लिए निर्धारित किए गए मापदंड के योग्य नहीं हैं, फिर भी उन्होंने अपना राशन कार्ड बनवा रखा है. इनमें वैसे लोगों की संख्या काफी अधिक है, जिनके पास अपना पक्का मकान, चार चक्का गाड़ी या फिर 18 एकड़ से अधिक जमीन है.
तकरीबन 5 हजार लोग सरेंडर कर चुके हैं राशन कार्ड
गोपालगंज अनुमंडल में अब तक 4,968 लोगों ने राशन कार्ड सरेंडर करने का आवेदन दिया है. इनमें से कई डॉक्टर, शिक्षक और बड़े बिजनेसमैन शामिल हैं. सदर एसडीओ प्रदीप कुमार ने बताया कि वैसे सरकारी सेवकों और चिन्हित राशन कार्डधारियों को सूचित किया गया है कि 31 मई के पहले वे स्वेच्छा से अपना राशन कार्ड सरेंडर कर दें अन्यथा जून महीने से अयोग्य राशन कार्डधारियों की पहचान कर एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उनका राशन कार्ड निरस्त भी किया जाएगा.
वसूली भी की जाएगी
अब तक अयोग्य लाभार्थियों द्वारा जो राशन लिया गया है, उसका प्रति किलो बाजार भाव की दर से हिसाब जोड़ कर पैसा वसूल किया जाएगा. वहीं, आंकड़ों पर गौर करें तो अब तक करीब 5 हजार लोगों ने राशन कार्ड सरेंडर किया है, यानी हर महीने 25 हजार क्विंटल अनाज की बचत होगी. सरकार के इस कार्रवाई से लाखों क्विंटल अनाज की बचत होने की उम्मीद है.
Source : News18