विगत दिनों मुजफ्फरपुर में बिहार के मुख्यमंत्री का समाज सुधार अभियान के अंतर्गत कार्यक्रम था. कार्यक्रम के शुरुआत में मुजफ्फरपुर के सकरी निवासी इंदु देवी ने शराबबंदी पर एक गीत प्रस्तुत किया. इस गीत में शराब, खैनी और गांजा का सेवन करने वाले की कड़ी भर्त्सना की गई.
आयोजित कार्यक्रम के बाद इंटरनेट पर लोगो ने इस गाने के क्लिप से एक अंतरा जिसके बोल थे – ” एक गजेरी चिलम पीकर चिलम दिया लहराई ” को इंटरनेट पर वायरल करना शुरू कर दिया. देखते ही देखते कई सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इस क्लिप को लाखों व्यूज़ मिलने लगें.. इंदु देवी की लोकप्रियता जन- जन तक पहुँच गयी.
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इंदु देवी के बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए मुजफ्फरपुर नॉउ पहुँच गया उनके गांव उनका इंटरव्यू करने लेक़िन वहाँ इंदु देवी की हालात देख कर कहानी ने अलग ही मोड़ ले लिया.
दरअसल जिस इंदु देवी की लोग इतनी सराहना कर रहे है वो आज भी मिट्टी के चूल्हा पर खाना बनाने के लिये मजबूर है. इंदू देवी की माली हालत भी ठीक नही है, एस्बेस्टस के मकान में रह रही इंदु देवी वर्षो से समाज सुधार के गीत गा रही है लेकिन उनकी आर्थिक हालात मे अब भी कोई सुधार नही आया.
इंदु देवी बताती है कि इस तरह कार्यक्रम में गाने के लिये उन्हें 500 रुपये की मजदूरी मिलती है और हर हमेशा कार्यक्रम रहता नही है इसलिये जिंदगी थोड़ी मुश्किल है.