INDIA
एग्जिट पोल के बाद विपक्ष में हलचल, ममता ने कहा- यूपी में 50 सीटें जीतेगा महागठबंधन
सत्रहवीं लोकसभा गठन के लिए चुनाव खत्म हो चुके हैं। चुनाव के एग्जिट पोल आने के बाद विपक्षी पार्टियों में हलचल मची हुई है। सभी पार्टियों के नेताओं में गुणा भाग का दौर जारी है। वोटिंग के बाद आए तमाम एग्जिट पोल 2019 एक बार फिर मोदी लहर के संकेत दे रहे हैं।
इसी के तहत पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यूपी में एसपी-बीएसपी गठबंधन के 50 सीट जीतने की बात कही है। विपक्षी दलों के साथ जोड़-तोड़ की कोशिशों में लगीं ममता बनर्जी ने बताया, ‘मेरी अखिलेश यादव के साथ बात हुई। उन्होंने आश्वस्त किया कि यूपी में एसपी-बीएसपी गठबंधन को कम से कम 50 सीटों पर जीत मिलेगी। ममता बनर्जी और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के बीच सोमवार को मुलाकात भी होनी है।
तमाम एग्जिट पोल के मुताबिक महागठबंधन नाकाम
गौरतलब है कि ज्यादातर एग्जिट पोल में यूपी में महागठबंधन का प्रयोग नाकाम होता दिख रहा है। मायावती और अखिलेश यादव ने यूपी में बीजेपी का विजयरथ रोकने के लिए चौधरी अजित सिंह की आरएलडी के साथ गठबंधन का प्रयोग किया, लेकिन अधिकतर पोल में इसका फायदा मिलता नहीं दिख रहा है। न्यूज 24 टुडेज चाणक्य एग्जिट पोल के अनुसार बीजेपी को 65 सीटें और महागठबंधन को 13 सीटें मिलती नजर आ रही हैं। अगर यह अनुमान रिजल्ट में तब्दील होते हैं तो एसपी-बीएसपी-आरएलडी गठबंधन के लिए बड़ा झटका होगा।सिर्फ दो एग्जिट पोल में महागठबंधन को 40 से ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान है। एबीपी-नील्सन ने महागठबंधन को 45 सीटें दी हैं जबकि सी-वोटर के सर्वे में एसपी-बीएसपी-आरएलडी के खाते में 40 सीटें मिलती नजर आ रही हैं। एबीपी-नील्सन ने बीजेपी को 33 और सी-वोटर ने 38 सीटें दी हैं।तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष नायडू लोकसभा मतदानों के परिणामों से पहले भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ विपक्षी दलों के बीच चुनाव के बाद के समीकरणों को मजबूत करने के लिए राज्य सचिवालय नबना में बनर्जी से मिलेंगे। सूत्रों के अनुसार मुलाकात के दौरान वह ममता को सप्ताहांत में सभी राजनीतिक नेताओं के साथ नई दिल्ली में हुई अपनी बैठकों के बारे में जानकारी दे सकते हैं।
अंतिम चरण के चुनाव के बाद रविवार को नायडू ने राहुल गांधी, सोनिया गांधी, शरद पवार और सीताराम येचुरी से मुलाकात की थी। इससे पहले शनिवार को उन्होंने बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकत की थी।
Input : News24
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योगी सरकार 2.0 ने 100 दिनों में अपराधियों की तोड़ी कमर, 500 से ज्यादा एनकाउंटर और करोड़ों की संपत्ति जब्त

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे हो गए हैं. इस अवसर पर सीएम योगी आदित्यनाथ अपने कामकाज का ब्योरा का देते हुए कहा कि 100 दिनों में माफियाओं पर कड़ा प्रहार किया गया. उन्होंने कहा कि 2017 के बाद से अब तक करीब 2925 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति जब्त की गई है. यह सरकार की अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति का परिणाम है. सीएम योगी ने कहा कि पिछले पांच साल में प्रदेश में कानून का राज स्थापित हुआ है. पहले प्रदेश दंगा और अराजकता के लिए जाना जाता था पर भाजपा सरकार में एक भी दंगा नहीं हुआ है. वहीं धार्मिक स्थलों से अनावश्यक लाउडस्पीकर हटाए गए हैं. यह बिना किसी विवाद के हुआ है. किसी भी धार्मिक त्योहार में सड़कों पर कोई आयोजन नहीं हुआ. जिससे प्रदेश में पहली बार निवेश का माहौल बना है.
उन्होंने मीडिया को बताया कि 2017 के पहले प्रदेश में विकास कार्यों को लेकर बड़ी समस्या थी. यूपी के सामने पहचान का संकट था. केंद्र की लाभकारी योजनाओं को लागू करने में प्रदेश सरकार रूचि नहीं लेती थी. मगर 2017 के बाद इसमें बदलाव हुआ. आज प्रदेश में केंद्र सरकार की हर योजना का लाभ मुहैया हो रहा है. प्रदेश में गुडों-माफिया के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया जा रहा है.
2017 के बाद से अब तक 844 करोड़ रुपये की अवैध संपत्तियों को बुलडोजर से गिरवाया गया है. पॉस्को एक्ट के तहत 2273 अपराधियों पर कार्रवाई की गई है. 68,784 अनधिकृत कब्जे और 76,196 अनधिकृत पार्किंग को मुक्त कराया गया है.
जबकि 74,385 लाउडस्पीकर्स को धार्मिक स्थलों से हटाया गया है. वहीं, प्रदेश स्तर पर 50 माफिया और जिला स्तर पर 12 माफिया पर कठोर कार्रवाई की गई है. बता दें कि योगी सरकार अपराधियों के खिलाफ सख्त रवैया अपना रही है. 25 मार्च 2022 से लेकर एक जुलाई 2022 तक कुल 525 एनकाउंटर हुए है. इस दौरान 1034 अपराधी गिरफ्तार किए गए हैं और 425 बदमाश पुलिस मुठभेड़ में घायल हुए हैं. बदमाशों से हुई इस मुठभेड़ में 68 पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं.
Source : News18
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मैं कहीं नहीं जा रहा, मेरे बीजेपी जाने की खबरें पूरी तरह से गलत- केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह

केंद्रीय मंत्री और जेडी यू नेता आरसीपी सिंह के बीजेपी में जाने की खबरें निराधार बताई जा रही हैं. सोमवार दोपहर ऐसी अफवाह फैली की उन्होंने बीजेपी जॉइन कर लिया है. दरअसल वे बीजेपी कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने हैदराबाद गए थे. आरसीपी सिंह जेडीयू के कोटे से राज्य सभा सदस्य थे. उनके राज्यसभा का कार्यकाल समाप्त हो चुका है. दूसरी बार उन्हें पार्टी ने राज्यसभा में भेजने का अवसर नहीं दिया. राज्यसभा के कार्यकाल समाप्त होने के बाद कानूनन वे 6 महीने तक मंत्रीपद पर रह सकते हैं. इस बीच यदि वे संसद के किसी सदन के सदस्य नहीं बनते हैं तो उनका मंत्रीपद स्वतः समाप्त हो जाएगा. पिछले साल जेडीयू का अध्यक्ष ललन सिंह को बनाए जाने के बाद से ही आरसीपी सिंह की जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार के बीच अनबन की खबरें आ रहीं थीं.
Union Minister & JD(U) leader RCP Singh has not joined BJP. He was in Hyderabad, Telangana to attend a committee meeting: Sources
(File pic) pic.twitter.com/x865AOFKeW
— ANI (@ANI) July 4, 2022
खबर अपडेट हो रही है…
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अग्निपथ स्कीम के खिलाफ दायर अर्जी पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, नोटिफिकेशन रद्द करने की मांग

सेना में भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ स्कीम के विरोध में दायर अर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। शीर्ष अदालत में अगले सप्ताह गर्मियों की छुट्टियां समाप्त होने के बाद इस पर सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिका में एयरफोर्स कर्मियों का कहना है कि इसके चलते उनका करियर 20 साल की बजाय महज 4 साल का ही हो जाएगा। याचिका दायर करने वाले एडवोकेट एम.एल शर्मा ने कहा, ‘मेरी अर्जी है कि सरकार की ओर से भर्ती के लिए जो नोटिफिकेशन जारी किया गया है, उसे कैंसिल किया जाए। सरकार कोई भी स्कीम ला सकती है, लेकिन यहां बात सही और गलत की है। अब भी 70 हजार लोग ऐसे हैं, जो नियुक्ति पत्र का इंतजार कर रहे हैं।’
यह अर्जी जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस जेके माहेश्वरी की वैकेशन बेंच के समक्ष दाखिल की गई है। याची का कहना है कि अग्निपथ स्कीम कम से कम उन लोगों पर लागू नहीं होनी चाहिए, जो पहले से चल रही भर्ती प्रक्रिया में शामिल हैं और नियुक्ति पत्र का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मसले पर तत्काल सुनवाई होनी चाहिए क्योंकि यह सैनिकों के करियर का सवाल है। वकील ने कहा कि कई बार कोशिशों के बाद भी रजिस्ट्री विभाग की ओर से तारीख नहीं दी गई है। शर्मा ने कहा कि अदालत को 14 जून को रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन को कैंसिल करना चाहिए, जिसमें अग्निपथ स्कीम का ऐलान किया गया था।
इस मामले में एक और अर्जी अधिवक्ता विशाल तिवारी की ओर से दायर की गई है। उन्होंने अदालत से मांग की गई है कि अग्निपथ स्कीम के परीक्षण के लिए एक एक्सपर्ट कमिटी का गठन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कमेटी यह तय करे कि इस स्कीम का युवाओं के भविष्य और देश की सुरक्षा व्यवस्था पर क्या असर होगा। अग्निपथ स्कीम के विरोध में दायर याचिकाओं को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से भी एक परिवाद दाखिल किया गया है। इसमें सरकार ने कहा कि अदालत कोई भी फैसला सुनाने से पहले इस मसले पर सरकार का पक्ष भी सुन ले।
Source : Hindustan
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