शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने शुक्रवार शाम सीतामढ़ी स्थित डायट भवन में कहा कि सक्षमता परीक्षा में नियोजित शिक्षकों को तीन के बदले पांच मौके मिल सकते हैं। डायट के मीटिंग हॉल में नियोजित शिक्षकों व पदाधिकारियों से बातचीत में उन्होंने कहा कि परीक्षा से डरने की जरूरत नहीं है। बिल्कुल सरल प्रश्न पूछे जायेंगे। मुख्यमंत्री ने इसको लेकर निर्देश जारी कर दिया है।

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि बीपीएससी की तरह सक्षमता परीक्षा के प्रश्न कठिन नहीं होंगे। अभी परीक्षा पास करने को तीन मौके दिये जा रहे हैं। जरूरत पड़ी तो इसे बढ़ाकर पांच मौके दिये जा सकते हैं। इसमें कोई बड़ी दिक्कत नहीं है। शिक्षकों को रिफरेश करने के लिए सक्षमता परीक्षा करायी जा रही है। हर छह माह पर प्रशिक्षण दिये जाएंगे। आप लोग निर्भीक होकर इस परीक्षा में भाग लें। हमने डायट के सभी डायरेक्टर को निर्देश दिया है कि शिक्षकों को कम्प्यूटर से रू-ब-रू कराएं। आने वाला समय पूरी तरह डिजिटल होगा। आपको अभी से कंप्यूटर की जानकारी होगी तो स्कूल में कंप्यूटर आने के काम करने में दिक्कत नहीं होगी।

नियोजित शिक्षक डर को त्याग निर्भीक होकर सक्षमता परीक्षा के लिए अपना आवेदन भरें। किसी तरह का संशय नहीं रखें। शिवगंगा बालिका प्लस टू उवि में निरीक्षण के दौरान नियोजित शिक्षक व शिक्षिकाओं से गुरुवार को अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने उक्त बातें कहीं।

बरामदे पर नहीं लें परीक्षा शिवगंगा बालिका प्लस टू उवि में अभी इंटर की परीक्षा चल रही है। अपर मुख्य सचिव ने अपने निरीक्षण के दौरान परीक्षा हॉल की व्यवस्था को देखा। इस स्कूल के केंद्र को आदर्श परीक्षा केंद्र बनाया गया है। उन्होंने कहा कि बरामदे पर परीक्षा नहीं लें। उन्होंने डीईओ को कहा कि कोई भी परीक्षा बरामदे पर नहीं लें। इसकी जगह परिसर में टेंट व शामियाना लगाकर कमरे का शक्ल देकर उसमें परीक्षा लें।

अधूरे भवन के जीर्णोद्धार का निर्देश इस स्कूल में लगभग 10 साल से भवन अधूरा पड़ा है। निर्माण एजेंसी इसे अधूरा छोड़कर फरार है। उन्होंने इस संबंध में जानकारी लेने के बाद डीईओ को इसे शीघ्र पूरा कराने का निर्देश दिया।

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि सक्षमता परीक्षा में सफल होने वाले 80 फीसदी शिक्षकों की पदस्थापना अपने ही जिले में होगी। कम अंक पाने वाले या विषय की रिक्ति नहीं होने की स्थिति में ही दूसरे जिले में पदस्थापना होगी। लगभग 40 मिनट तक स्कूल में विभिन्न मुद्दों पर जानकारी लेने के बाद निरीक्षण के दौरान केके पाठक ने कहा कि फील्ड में अनावश्यक निर्माण नहीं करें। फील्ड को बच्चों के खेल के लिए रहने दें और इसे विकसित करें।

Source : Hindustan

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