बिहार में नीतीश कुमार की सरकार वाली कैबिनेट का विस्तार किया गया. जदयू विधायक रत्नेश सदा को कैबिनेट में शामिल किया गया. शुक्रवार को पटना स्थित राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन हुआ जिसमें राज्यपाल ने जदयू विधायक रत्नेश सदा को मंत्री पद की शपथ दिलाई. इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत अन्य नेता उपस्थित रहे.

बिहार में फिर एकबार सियासी फेरबदल हुआ है और जीतन राम मांझी की पार्टी हम ने महागठबंधन से किनारा कर लिया. जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने मंत्री पद से पिछले दिनों इस्तीफा दे दिया. जिसके बाद अब जदयू विधायक रत्नेश सदा को मंत्री बनाया गया है.

रत्नेश सदा भी महादलित समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. वो सहरसा के सोनबरसा से विधायक हैं. रत्नेश सदा जदयू के महादलित प्रकोष्ठ के अध्यक्ष भी हैं और उनका सियासी सफर बेहद शानदार रहा है. रत्नेश सदा लगातार तीन बार जीत चुके हैं. वो वर्ष 2010 से चुनाव जीतते आ रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि वो नीतीश सरकार में एससी-एसटी वेलफेयर मंत्री बनाए जा सकते हैं. इसी पद पर संतोष सुमन थे जिनका इस्तीफा मंजूर किया गया है.

रत्नेश सदा को जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन के इस्तीफे के बाद मंत्री बनाया गया है. रत्नेश सदा भी मुसहर समाज के ही नेता हैं और धार्मिक न्यास बोर्ड के सदस्य भी हैं. बिहार विधानसभा में जदयू के सचेतक की भूमिका भी रत्नेश सदा निभाते हैं. नीतीश कुमार के विश्वसनीय नेताओं में एक उन्हें माना जाता है.

सियासी मामलों के जानकारों का कहना है कि जीतन राम मांझी का महागठबंधन से अलग होने के बाद अब उसी समुदाय के नेता को मंत्री बनाकर बैलेंस करने की कोशिश की गयी है. रत्नेश सदा 11 साल से सोनबरसा के विधायक रहे हैं और मुसहर समाज में उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है.

Source : Prabhat Khabar

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