साइबर फ्राॅड गैंग ने डीएम प्रणव कुमार के नाम पर फर्जी वाट्सएप अकाउंट बना प्रशासनिक अधिकारी व आमलोगों से चैटिंग कर ठगी कर रहा है। बंदरा के प्रखंड विकास अधिकारी व कुढ़नी-कांटी के अंचल अधिकारी से रुपए मांगे गए हैं। इसका खुलासा हाेने पर जिला गोपनीय प्रशाखा के विशेष कार्य पदाधिकारी ने मंगलवार काे टाउन थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस महकमे में भी हड़कंप मच गया।
प्राथमिकी में कहा गया है कि जिलाधिकारी प्रणव कुमार के फोटो का फर्जी इस्तेमाल कर दो अलग-अलग मोबाइल नंबर से फर्जी अकाउंट बनाए गए हैं। उन नंबराें से जिले के प्रशासनिक अधिकारियों व आमलोगों से चैट किया जा रहा है। चैटिंग के क्रम में अमेजन गिफ्ट कार्ड के माध्यम से राशि की मांग की जा रही है। नगर थाने की पुलिस को प्राथमिकी के लिए फर्जी वाट्सएप अकाउंट से बीडीओ-सीओ से की गई चैटिंग का स्क्रीन शॉट भी दिया गया है।
थानेदार ने कहा- साइबर एक्सपर्ट के माध्यम से कराई जाएगी मामले की जांच
साइबर फ्रॉड हुआ तो सबसे पहले ये करें
1. 1930 पर फोन कर तत्काल शिकायत दर्ज कराएं
2. cybercrime.gov.in पर कागजात के साथ शिकायत करें
3. इसके बाद संबंधित थाने में और बैंक में मामले की लिखित शिकायत करें
विशेष कार्य अधिकारी ने थाने को दी मामले की सूचना
जिला गोपनीय प्रशाखा के विशेष कार्य अधिकारी कुमार अभिषेक ने मामले की नगर थाने में लिखित शिकायत की। उसी के आधार पर इसकी प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसमें मैसेज भेजे जानेवाले दोनाें मोबाइल नंबराें 91239:::772 और 76785::6507 के धारक को आरोपित बनाया गया है। पुलिस दर्ज प्राथमिकी के आधार पर दोनों शातिरों के सत्यापन में जुट गई है।
जिला सर्विलांस टीम दोनों मोबाइल नंबर का सीडीआर व कैप निकाल कर आरोपिताें की गिरफ्तारी में जुट गई है। दोनों में से एक नंबर को ट्रू कॉलर पर चेक करने पर राजेश कुमार बताता है। इधर, टाउन थानेदार अनिल कुमार ने बताया कि साइबर एक्सपर्ट के माध्यम से शातिर की पहचान की जा रही है। जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।
Source : Dainik Bhaskar