बाबा गरीबनाथ मंदिर शहर की पहचान बन चुके बाबा गरीबनाथ मंदिर को उत्तर बिहार के बाबा बैद्यनाथ के रूप में जाना जाने लगा है। यहां वर्षभर पूजा-अर्चना के लिए शिवभक्तों की भीड़ लगी रहती है। सावन महीने में तो भक्तों का रेला ही उमड़ पड़ता है। यहां दूरदराज के लोग पूजा के लिए आते हैं।
इतिहास : मंदिर का काफी पुराना इतिहास है। कहते हैं कि पहले यहां काफी घना जंगल था। एक बार जंगल की सफाई के दौरान किसी मजदूर की कुदाल से कोई चीज टकराई। उसने देखा कि वहां से खून की धारा बह रही है। वह डरकर भाग गया और ये बातें दूसरों को बताई। लोग दौड़े-दौड़े वहां आए। इस जगह को अच्छी तरह से साफ किया गया। फिर ईश्वरीय प्रेरणा से यहां एक छोटा मंदिर बनवाया गया। कालांतर में वर्ष 2006 में बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद द्वारा अधिगृहीत होने के बाद इसका जीर्णोद्धार हुआ।
विशेष्ता : ऐसी मान्यता है कि बाबा गरीबनाथ सबकी मनोकामना पूर्ण करते हैं। जो भी भक्त सच्चे मन से बाबा के दरबार में आता है, खाली हाथ नहीं लौटता। सावन व महाशिवरात्रि सहित विशेष अवसरों पर यहां भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ता है।
यहां पूजा-अर्चना के साथ शुभ संस्कारों के लिए भी लोग आते हैं। सामाजिक कार्यो में भी मंदिर प्रबंधन की सक्रिय भागीदारी होती है। – पं. बैद्यनाथ पाठक, पुजारी
बाबा के प्रसिद्धि दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। यहां मुजफ्फरपुर तो क्या राज्य के विभिन्न जिले व सुदूर प्रांतों से भी लोग बाबा की पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। -पं. विनय पाठक, प्रधान पुजारी
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