क्या आपने कभी सुना है कि कोई शख्स दूश बेचने के लिए हेलीकॉप्टर खरीद ले? जी हां, भिवंडी के एक किसान ने दूध बेचने के लिए एक हेलीकॉप्टर खरीदा है और इसके लिए बाकायदा एक हेलीपैड भी बनवाया है. दूध का कारोबार करने वाले जनार्दन भोईर वो शख्स हैं जिन्होंने ये हेलीकॉप्टर खरीदा है. उन्होंने इस हेलीकॉप्टर के लिए 30 करोड़ रुपए चुकाए भी हैं. बीते रविवार को जब ये हेलीकॉप्टर उनके गांव में उतरा तो देखने के लिए भीड़ इकठ्ठा हो गयी.
DNA की खबर के मुताबिक भोईर अपने गांव में काफी मशहूर हैं और उन्होंने इस हेलीकॉप्टर में भी खुद न बैठकर ग्राम पंचायत में विजयी हुए सदस्यों को घुमाया. मिली जानकारी के मुताबिक जनार्दन भोईर का दूध का कारोबार काफी बड़ा है और उनकी संपत्ति भी करीब 100 करोड़ रुपए से ज्यादा बतायी जाती है. जनार्दन का दूध, किसानी और रियल एस्टेट का बिजनेस हैं और उनके भाई भी उनके साथ ही इसे संभालते हैं. उन्हें अपने काम के सिलसिले में उन्हे कई बार पश्चिम से पूर्वी राज्यों तक भी जाना पड़ता है. जनार्दन के मुताबिक उन्हें कई ऐसी जगहों पर जाना पड़ता था जहां फ्लाइट की सुविधा नहीं है और उनका काफी वक़्त ट्रेवलिंग में खराब होता है. इसी के चलते उन्हें कारोबार के लिए ये हेलीकॉप्टर लेने के लिए मजबूर होना पड़ा.
खेत में बनाया है हेलीपैड
जनार्दन ने बताया कि अपने डेयरी के कारोबार के लिए उन्हें अक्सर पंजाब, गुजरात, हरियाणा, राजस्थान और पूर्वी राज्यों में जाना पड़ता है. हेलीकॉप्टर घर के पास ही लैंड हो सके इसके लिए पास ही खेत में एक हेलीपैड भी तैयार कर लिया गया है. इसके साथ ही में पायलट रूम, टेक्नीशियन रूम भी बनाया जा रहा है. फिलहाल हेलीकॉप्टर का ट्रायल चल रहा है और 15 मार्च से जनार्दन को ये काम के लिए मिल जाएगा. उन्होंने बताया कि हेलीकॉप्टर के लिए उन्होंने 2.5 एकड़ की जगह दी है जिसमें हेलीकॉप्टर के लिए राउंड पट्टी और दूसरी चीजें बनायी जा रहीं हैं.
The #helicopter will be delivered to him on March 15.#Dairy #Maharashtra #Bhiwandihttps://t.co/icM3I0tpuR
— India.com (@indiacom) February 16, 2021
भिंवडी इलाके में कई बड़ी कंपनियों के गोदाम हैं जिससे लोगों को अच्छा किराया मिलता है. देश की सारी मंहगी गाड़ियां भिंवडी इलाके मे दिखाई दें जाएंगी. ये जानकर आप हैरान हो जाएंगे कि अमेरिका के राष्ट्रपति के काफिले में चलने वाली कैडिलैक कार पहली बार मुंबई में नहीं बल्कि भिवंडी इलाके में ही खरीदी गई थी. जनार्दन भोईर के पास भी कई गोदाम हैं, और उन्हें उनसे अच्छी-खासी कमाई होती है.