Home MUZAFFARPUR किसान उत्पादक संगठन से जुड़कर बिहार के किसान बनेंगे आत्मनिर्भर

किसान उत्पादक संगठन से जुड़कर बिहार के किसान बनेंगे आत्मनिर्भर

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MUZAFFARPUR : केंद्र सरकार ने 10,000 एफपीओ स्कीम के तहत पूरे देश में दस हज़ार एफ़पीओ बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए विभिन्न सरकारी एवं ग़ैर सरकारी संगठनों द्वारा किसान उत्पादक संगठन का संवर्धन किया जा रहा है । जिले के सभी प्रखंडों में भारत सरकार के इस स्कीम के अंतर्गत एफ़पीओ बनाए गये हैं। जिसे राज्य एवं केंद्र के विभिन्न विभागों द्वारा सहयोग एवं मार्गदर्शन किया जा रहा है।

इसी क्रम में नाबार्ड द्वारा कार्यान्वित एवं प्रोत्साहित एफ़पीओ के निरीक्षण एवं फील्ड विज़िट हेतु आए नाबार्ड के डॉ सुनील कुमार मुख्य महाप्रबंधक, विनय कुमार सिंह महाप्रबंधक नाबार्ड, अजय कुमार गुप्ता उप महाप्रबंधक नाबार्ड, मो सोहेल अहमद अध्ययक्ष उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक, जूही प्रवासिनी डीडीएम नाबार्ड मुजफ्फरपुर, डॉ जितेंद्र प्रसाद कार्यक्रम केवीके सरैया, मो नासिमुद्दीन अंसारी ब्लॉक कृषि पदाधिकार इस विज़िट कार्यक्रम मे उपस्थित थे।

नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक ने बताया कि एफ़पीओ खेत से बाज़ार तक किसानों की भागीदारी सुनिश्चित करती है और किसान उत्पादक संगठन से जुड़कर किसान आत्मनिर्भर होंगे एवं उनकी सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति में भी बदलाव आएगा । इस दौरान जिले के 3 प्रखंड – सरैया, बोचहा, और पारू एफ़पीओ के अध्यक्ष और किसान इस कार्यक्रम मे उपस्थित थे। जहां एफ़पीओ के निदेशक मंडल एवं कार्यकर्ताओं को एफ़पीओ के कुशल प्रबंधन हेतु सुझाव दिया गया।

ग़ौरतलब है कि मुजफ्फरपुर जिले के 3 प्रखंड – सरैया, बोचहा, और पारू में कौशल्या फ़ाउंडेशन द्वारा किसानों को जागरूक कर किसान उत्पादक संगठन बनाया गया है । इसके लिए संस्था को भारत सरकार की संस्था नाबार्ड के द्वारा ज़िम्मेदारी दी गयी है । किसान उत्पादक संगठन छोटे एवं सीमांत किसानों का एक व्यापारिक, व्यावसायिक एवं भारत सरकार से निबंधित संगठन है जो किसानों का, किसानों के लिये और किसानों के द्वारा चलायी जाती है | इन तीनों प्रखण्ड के कृषक उत्पादक संगठन ने बिहार में सबसे अच्छा काम किया है।

एफ़पीओ, किसान-सदस्यों द्वारा नियंत्रित स्वैच्छिक संगठन हैं, इसके सदस्य इसकी नीतियों के निर्माण और निर्णयन में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। किसान उत्पादक संगठन की सदस्यता लिंग, सामाजिक, नस्लीय, राजनीतिक या धार्मिक भेदभाव के बिना उन सभी लोगों के लिये खुली होती है जो इसकी सेवाओं का उपयोग करने में सक्षम हैं और सदस्यता की ज़िम्मेदारी को स्वीकार करने के लिये तैयार हैं। यह योजना उत्पादन, उत्पादकता, बाजार पहुंच, विविधीकरण, मूल्य वर्धित, प्रसंस्करण और निर्यात को बढ़ावा देने और किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से कृषि आधारित रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए कृषि उत्पादन समूह दृष्टिकोण पर आधारित है।

कौशल्या फ़ाउंडेशन के मैंनेजिंग ट्रस्टी कौशलेंद्र ने बताया कि किसान संगठित होकर उत्पादन से विपणन तक लागत में कमी कर सकेंगे और अच्छा मूल्य प्राप्त कर बेहतर आय प्राप्त कर सकेंगे । इस अवसर पर कौशलेंद्र ने अधिक से अधिक किसानों को एफ़पीओ से जुड़ने की अपील की ।

आज के कार्यक्रम में कौशल्या फ़ाउंडेशन के भास्कर झा,रूपेश कुमार,चंद्रमनी कुमार, कुंदन कुमार सरैया प्रखण्ड के सरैया किसान फार्मर प्रडूसर कंपनी लिमिटेड, के अध्यक्ष अविनाश कुमार , सचिव प्रशुराम चौधरी, निदेशक मण्डल मे मालती देवी, अक्षय कुमार सिंह, राहुल कुमार, बोचहा प्रखंड के एफ़पीओ सीईओ रंजीत कुमार, अकाउन्टन्ट मनोज कुमार, पारू एफ़पीओ के अध्यक्ष नितेश कुमार सम्मानित सैकरो किसान आदि निदेशक एवं प्रगतिशील किसान उपस्थित थे ।

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