पटना के संदलपुर की रहने वाली प्रियांगी मेहता ने पहले प्रयास में बीपीएससी टॉप किया है। वह यूपीएससी का मेन्स उत्तीर्ण कर साक्षात्कार की तैयारी में जुटी हैं। सत्यम इंटरनेशनल स्कूल से दसवीं, अरविंद महिला कॉलेज से 12वीं और बीएचयू से राजनीति विज्ञान में स्नातक है।
पिता मिथिलेश कुमार इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की रिपेयरिंग शॉप चलाते हैं। मां अर्चना देवी गृहिणी हैं। पिता ने कहा कि बेटियों को कभी बोझ नहीं समझना चाहिए। उन्हें विश्वास है कि बेटी यूपीएससी में भी अच्छा रैंक लाएगी। वहीं अरवल जिले अरियारा गांव के रहने वाले अनुभव ने पहले प्रयास में दूसरा स्थान प्राप्त किया है।
डीएवी जहानाबाद से 10वीं व बारहवीं (विज्ञान) की पढ़ाई की है। स्नातक आईआईटी दिल्ली से किया है। पिता रंजीत कुमार मध्य विद्यालय में हेड मास्टर हैं और मां गृहिणी हैं।
प्रेरणा सिंह 3rd rank: प्रेरणा ने स्व अध्ययन से यह मुकाम हासिल किया। उन्होंने बताया कि मैंने हमेशा खुद पर विश्वास रखा। लगन के साथ पढ़ाई करती रही। आठ घंटे स्थिरता से सेल्फ स्टडी करती थी। माता-पिता और गुरुजनों ने हमेशा प्रोत्साहित किया।
अंजलि जोशी 4th rank: इससे पहले अंजलि जोशी 67वीं में भी सफलता प्राप्त कर एपीओ बनी थी। 12वीं तक की पढ़ाई पटना में हुई। एनआईटी से बीटेक किया। ढाई साल सॉफ्टवेयर कंपनी में जॉब भी की थी। जॉब छोड़ कर तैयारी में जुट गयी।
सौरव रंजन 5th rank: पहले प्रयास में यह सफलता मिली। विषय भूगोल था। केवल बीपीएससी को लक्ष्य बनाकर दिन-रात स्वयं अध्ययन किया। टॉपिक्स को हमेशा पढ़ते रहे। पिता कोल इंडिया से सेवानिवृत्त हैं। मां नीलम गृहणी हैं।
आसिम खान 6th rank: दूसरे प्रयास में यह सफलता मिली। 67वीं में 115 रैंक आयी थी। उन्हें अवर योजना पदाधिकारी का पद मिला था। आसिम ने डीएवी वाल्मी से प्रारंभिक शिक्षा ली। पांच सालों तक प्राइवेट कंपनी में जॉब भी की।
अंजलि प्रभा 7th rank: अंजलि ने केंद्रीय विद्यालय से प्रारंभिक शिक्षा ली। इसके बाद दिल्ली विवि से स्नातक किया। नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी मास्टर्स कर रही हैं। 67 वीं बीपीएससी में 158 रैंक मिली थी। यह दूसरा प्रयास था। पिता हाई स्कूल में हेड मास्टर हैं।
Source : Hindustan